वेतन नहीं मिलने से नाराज मदरसा शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

विकासनगर सहसपुर के ढाकी स्थित मदरसा जामिउल उलूम के शिक्षकों ने मदरसा प्रबंध समिति के खिलाफ प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 12:40 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:40 AM (IST)
वेतन नहीं मिलने से नाराज मदरसा शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
वेतन नहीं मिलने से नाराज मदरसा शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, विकासनगर: सहसपुर के ढाकी स्थित मदरसा जामिउल उलूम के शिक्षकों ने मदरसा प्रबंध समिति के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिक्षकों का आरोप है कि प्रबंध समिति ने उन्हें कई माह से वेतन भी नहीं दिया, अब वह कई शिक्षकों को हटाने का निर्णय ले चुकी है। प्रबंध समिति पर आर्थिक शोषण का आरोप लगाते हुए उन्होंने आवश्यक कार्रवाई की मांग की।

मदरसा जामिउल उलूम में हिदी, ऊर्दू और अरबी पढ़ाने वाले शिक्षक प्रबंध समिति के विरोध में उतर आए हैं। मदरसा परिसर में एकजुट शिक्षकों का आरोप है कि प्रबंध समिति ने छह जून को बैठक में निर्णय लिया है कि वह कोविड क‌र्फ्यू के दौर का वेतन शिक्षकों को नहीं देगी। इसके साथ मदरसे में पढ़ाने वाले 30 शिक्षकों में से अधिकतर को नौकरी से हटाने का फैसला भी प्रबंध समिति ले चुकी है। इस संबंध में मदरसा के नोटिस बोर्ड पर सूचना भी चस्पा है। शिक्षकों का कहना है कि वह पिछले कई वर्ष से पूरी मेहनत और लगन के साथ शिक्षण कार्य को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन महामारी के समय में जबकि सभी लोग एक दूसरे की सहायता कर रहे हैं, ऐसे में उनके रोजगार को छीनने व वेतन नहीं देने का रवैया प्रबंध समिति अपना रही है। शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मामले में वह कोर्ट तक जाएंगे। प्रदर्शनकारियों में मदरसा प्रधानाचार्य मौलाना मोहम्मद अब्बास, मौलाना मोहम्मद साबिर, माशूक अली, मुस्तफा अहमद, हाफिज साजिद, हाफिज शफाअत, हसमुद्दीन, अकरम अली, शमीम अहमद, अनीस अहमद, अंजार अली, कारी गुलशेर, अब्दुल रहमान आदि शिक्षक शामिल रहे।

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समिति और शिक्षकों की रार में फंसा आठ सौ बच्चों का भविष्य

विकासनगर: सहसपुर के ढाकी स्थित मदरसा जामिउल उलूम की स्थापना 1972 में हुई थी। मदरसे में कक्षा आठ तक का विद्यालय संचालित किया जाता है। यहां पर कुल आठ सौ छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि शिक्षण कार्य के लिए 30 शिक्षकों को भी प्रबंध समिति की ओर से रखा गया है। प्रबंध समिति के माध्यम से की गई कार्रवाई में पांच शिक्षकों को छोड़कर बाकी सभी 25 शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को नौकरी से हटाने की कार्रवाई से छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है। मदरसा शिक्षक माशूक अली का कहना है कि शिक्षकों को मदरसे से निकाल दिए जाने से शिक्षण कार्य व्यापक स्तर पर प्रभावित होगा।

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शिक्षकों के हटाए जाने के संबंध में मदरसा प्रबंध समिति के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। प्रबंध समिति के सदस्य शूमून अहमद का कहना है कि कोविड क‌र्फ्यू में मदरसे की आय जीरो पर पहुंच गई है, जिससे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उनका कहना है शिक्षकों से यह कहा गया है कि परिस्थितियां अनुकूल होने और शिक्षण कार्य शुरू होने पर उन्हें फिर से वापस बुला लिया जाएगा।

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