संस्कृत विद्यालयों में शीघ्र खुलेगा नियुक्ति का रास्ता

उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली ने कहा कि एक माह के भीतर संस्कृत विनियम पारित हो जाएगा। इसके बाद प्रबंधकीय विद्यालयों में शिक्षकों और स्टाफ की नियुक्ति का रास्ता खुल जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Jan 2020 07:42 PM (IST) Updated:Sat, 18 Jan 2020 07:42 PM (IST)
संस्कृत विद्यालयों में शीघ्र खुलेगा नियुक्ति का रास्ता
संस्कृत विद्यालयों में शीघ्र खुलेगा नियुक्ति का रास्ता

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली ने कहा कि एक माह के भीतर संस्कृत विनियम पारित हो जाएगा। इसके बाद प्रबंधकीय विद्यालयों में शिक्षकों और स्टाफ की नियुक्ति का रास्ता खुल जाएगा।

श्री जयराम आश्रम में शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय संस्कृत प्रबोधन कार्यक्रम में निदेशक संस्कृत शिक्षा ने कहा कि सभी संस्कृत विद्यालय में कंप्यूटर के जरिये शिक्षा दिए जाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। एक माह के भीतर संस्कृत विनियम राज्य सरकार द्वारा पारित कर दिया जाएगा। जिसके बाद नियुक्ति की समस्या समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत महाविद्यालय और विद्यालयों में नियुक्ति अनुदान के आधार पर होगी। वर्तमान में जो वेतन मिल रहा है, वह पर्याप्त नहीं है। इसके लिए भी शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। निदेशक संस्कृत शिक्षा शिव प्रसाद खाली ने कहा कि संस्कृत की शिक्षा ग्रहण करने के बाद कथा वाचन, ज्योतिष, कर्मकांड करना ही पर्याप्त नहीं है। यह तो संस्कृत का एक हिस्सा मात्र है। जरूरी यह है कि संस्कृत में पारंगत लोग संस्कृत के ज्ञान का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। संस्कृत ज्ञान के द्वार स्त्री और पुरुष सभी के लिए खुले हैं। श्री जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा की तर्ज पर संस्कृत विद्यालयों में भी शिक्षक और स्टाफ के पदों का सृजन होना चाहिए। प्रबंधकीय व्यवस्था के अंतर्गत संचालित होने वाले विद्यालयों की दशा ठीक नहीं है। शिक्षकों की कमी भवन व अन्य समस्या से यह जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे देश में श्री जयराम आश्रम द्वारा संचालित संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत में बोलचाल आवश्यक करते हुए शिक्षक और छात्रों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। कार्यक्रम में सहायक निदेशक संजू प्रसाद ध्यानी, सहायक निदेशक वर्षा गौनियाल, जयराम आश्रम संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य मायाराम रतूड़ी, डॉ. शिव शंकर मिश्रा, डीएसबी के प्रधानाचार्य शिव सहगल, संजय शास्त्री, विनोद अग्रवाल, विजय जुगलान, विनोद प्रसाद गैरोला आदि मौजूद रहे।

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