AIIMS Rishikesh: प्रो. राजवंशी ने ग्रहण किया एम्स निदेशक का कार्यभार, जानिए उनके बारे में

एम्स ऋषिकेश में सोमवार को नए निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने विधिवत कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान संस्थान के अधिकारियों फैकल्टी सदस्यों चिकित्सकों ने उनका स्वागत किया। तो चलिए आपको बताते चलें प्रो. अरविंद राजवंशी के बारे में।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 10:30 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 10:30 PM (IST)
AIIMS Rishikesh: प्रो. राजवंशी ने ग्रहण किया एम्स निदेशक का कार्यभार, जानिए उनके बारे में
प्रो. राजवंशी ने ग्रहण किया एम्स निदेशक का कार्यभार, जानिए उनके बारे में।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में सोमवार को नए निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने विधिवत कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान संस्थान के अधिकारियों, फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों ने उनका स्वागत किया।

एम्स रायबरेली के अधिशासी निदेशक प्रो.अरविंद राजवंशी ने सोमवार को ऋषिकेश एम्स का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान उन्होंने संस्थान के अधिकारियों, चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों से मुलाकात की और उनसे एम्स ऋषिकेश के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने 1977 में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला (हिमाचल प्रदेश) से एमबीबीएस किया।

उन्होंने 1981 में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ से एमडी पैथोलॉजी और 1994 में रायल कालेज लंदन से एमआरसी पैथोलाजी की डिग्री हासिल की। प्रो.राजवंशी ने पीजीआईएमईआर,चंडीगढ़ से अपना सीनियर रेजीडेंसी किया। प्रो.राजवंशी वर्ष 2007 से 2019 तक नेशनल इंस्टीट्यूट आफ पैरामेडिकल साइंसेज, पीजीआइएमईआर, चंडीगढ़ के प्रभारी प्रोफेसर भी थे।

इसके अलावा वह 23 मार्च 2020 तक पीजीआइएमईआर,चंडीगढ़ के डीन (अनुसंधान) और डीन (अकादमिक) भी रहे हैं। उन्हें 23 मार्च 2020 को एम्स रायबरेली का अधिशासी निदेशक और सीइओ नियुक्त किया गया और अब उन्होंने सोमवार 20 सितंबर को एम्स ऋषिकेश का अतिरिक्त कार्यभार संभाला है। गौरतलब है कि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत बीती 13 सितंबर को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो गए थे। उनके स्थान पर प्रो. राजवंशी ने निदेशक का पदभार ग्रहण किया है। इस अवसर पर संस्थान के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता और अन्य संकाय सदस्य तथा अधिकारी मौजूद थे।

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