सरकार की ओर से थोड़ी सी छूट मिलते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू, छोटे बच्चों को बुला रहे स्कूल

सरकार की ओर से थोड़ी सी छूट मिलते ही निजी स्कूलों ने मनमानी शुरू कर दी है। अब वह प्राथमिक कक्षाओं के छात्र- छात्राओं को भी स्कूल बुलाने लगे हैं। जबकि अभी प्रदेश सरकार ने छठी से ऊपर की कक्षाओं के लिए ही स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 02:20 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 02:20 PM (IST)
सरकार की ओर से थोड़ी सी छूट मिलते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू, छोटे बच्चों को बुला रहे स्कूल
सरकार की ओर से थोड़ी सी छूट मिलते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकार की ओर से थोड़ी सी छूट मिलते ही निजी स्कूलों ने मनमानी शुरू कर दी है। अब वह प्राथमिक कक्षाओं के छात्र- छात्राओं को भी स्कूल बुलाने लगे हैं। जबकि, अभी प्रदेश सरकार ने छठी से ऊपर की कक्षाओं के लिए ही स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं। इसके लिए निजी स्कूल प्रबंधन वार्षिक परीक्षा का तर्क दे रहे हैं। 

दून में निजी स्कूलों की मनमानी की बात नई नहीं है। पहले भी सरकार और प्रशासन के आदेशों को निजी स्कूल ठेंगा दिखाते रहे हैं। देहरादून शहर के अलावा विकासनगर के कुछ निजी स्कूलों ने प्राथमिक कक्षा के छात्रों को स्कूल बुलाना शुरू कर दिया है। एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनका बच्चा अभी दूसरी कक्षा में पढ़ता है, लेकिन उसके स्कूल की ओर से उसे बुलाया जा रहा है। कई अभिभावकों ने दबाव में आकर बच्चों को स्कूल भेजना शुरू भी कर दिया है। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान का कहना है कि निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से अभिभावकों पर छोटे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए दवाब बनाने की जानकारी मिली है। ऐसे निजी स्कूलों की शिकायत शिक्षा विभाग एवं बाल आयोग से की जा रही है। 

प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कश्यप का कहना है कि सभी निजी स्कूलों को सरकार एवं शिक्षा विभाग की ओर से जारी एसओपी का पूरा पालन करने को कहा गया है। अगर कोई भी स्कूल नियमों का उल्लंघन कर रहा है तो शिक्षा विभाग उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है। वहीं, मुख्य शिक्षाधिकारी आशा रानी पैन्युली ने कहा कि राज्य सरकार ने अभी केवल छठी से ऊपर के छात्रों के लिए ही विधिवत स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं। अगर कोई भी स्कूल एसओपी का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभिभावक ऐसे स्कूलों की शिकायत लिखित में विभाग को दे सकते हैं।

प्राथमिक कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोलने की मांग

एक ओर अभिभावक अब तक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए आश्वस्त नहीं हो सके हैं। दूसरी ओर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने प्राथमिक कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोलने की मांग उठाना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने कहा कि निजी स्कूलों के शिक्षकों को किसी न किसी बहाने स्कूल बुलाया जा रहा है, लेकिन सरकारी स्कूलों के शिक्षक 11 महीनों से घर पर ही हैं। उन्होंने कहा कि कम से कम चौथी और पांचवी कक्षाओं के लिए स्कूल खुल जाने चाहिए, इससे शिक्षकों और छात्रों के बीच खत्म हो चुका संवाद दोबारा स्थापित होगा। 

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