उत्तराखंड में निजी औद्योगिक क्षेत्र किए जाएंगे विकसित, सरकारी भूमि की कमी को देख उठाए जा रहे कदम

उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अब औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लेने की तैयारी है। इसके तहत निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। विशेष रूप से से पर्वतीय क्षेत्रों में इसके लिए भूमि तलाश की जाएगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:32 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 08:32 AM (IST)
उत्तराखंड में निजी औद्योगिक क्षेत्र किए जाएंगे विकसित, सरकारी भूमि की कमी को देख उठाए जा रहे कदम
उत्तराखंड में निजी औद्योगिक क्षेत्र किए जाएंगे विकसित।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अब औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार करेगी। इसके लिए निजी क्षेत्र का सहयोग लेने की तैयारी है। इसके तहत निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। विशेष रूप से से पर्वतीय क्षेत्रों में इसके लिए भूमि तलाश की जाएगी। इस उददेश्य से स्थानीय भू स्वामियों को प्रेरित करने के लिए एक विस्तृत निजी औद्योगिक क्षेत्र नीति बनाई जा रही है, जिसे जल्द कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा।

प्रदेश में इस समय सरकार लगातार उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने उद्योग नीति में नए उद्यमियों के लिए कई प्रकार की रियायत देने का प्रविधान किए हैं। इसके साथ ही एकल खिड़की व्यवस्था के माध्यम से उन्हें एक ही स्थान से तमाम तरह की मंजूरी दी जा रही हैं। सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण कई बड़े उद्योगपति व निवेशक यहां निवेश करने के इच्छुक हैं। बावजूद इसके नए उद्योग यहां नहीं आ पा रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण प्रदेश में लैंड बैंक की कमी होना है।

दरअसल, सरकार के पास इस समय मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए जमीन बेहद कम है। इससे कई बड़े प्रोजेक्ट पर सरकार को कदम पीछे खींचने पड़ रहे हैं। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार तमाम प्रयासों के बावजूद लैंड बैंक स्थापित नहीं कर पाई है। इसका एक कारण यहां की भौगोलिक परिस्थिति भी है। जहां उद्योग स्थापित करने लायक भूमि है, वह निजी है। जहां उद्योग योग्य सरकारी भूमि है, वहां वन कानून के पेच आड़े आ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार अब निजी क्षेत्र का सहयोग लेने की तैयारी कर रही है। निजी औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप कैसा होगा, इसे लगाने वाले व्यक्तियों को क्या लाभ दिया जाएगा, इसका पूरा खाका खींचा जा रहा है।

सचिव उद्योग अमित नेगी का कहना है कि प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र के लिए सरकारी भूमि की कमी है। इसी कारण निजी औद्योगिक क्षेत्र बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके लिए नीति तैयार की जा रही है।

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