नमो विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी, पांचवीं बार केदारनाथ आ रहे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी पांच नवंबर को पांचवी बार केदारनाथ धाम आ रहे हैं। वह यहां पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे। वह केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली में शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 04 Nov 2021 08:19 AM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 08:19 AM (IST)
नमो विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही केदारपुरी, पांचवीं बार केदारनाथ आ रहे प्रधानमंत्री मोदी
2013 की त्रासदी में तबाह हुई केदारपुरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। जून 2013 की त्रासदी में तबाह हुई केदारपुरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही है। केदारपुरी को उसकी दिव्यता एवं भव्यता के अनुरूप संवारा जा रहा है। प्रथम चरण में वहां 225 करोड़ रुपये की लागत के कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 184 करोड़ के काम शुरू किए जा रहे हैं। केदारनाथ के प्रति गहरी आस्था रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही लोकार्पण व शिलान्यास भी करेंगे। उनके हाथों ही केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली में शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का अनावरण होना है। प्रधानमंत्री के रूप में नमो का यह पांचवां केदारनाथ दौरा है।

केदारनाथ से प्रधानमंत्री मोदी का भावनात्मक लगाव है। एक दौर में नमो ने केदारनाथ के नजदीक ही तपस्या की थी और तब वह बाबा केदार के दर्शन को निरंतर जाते रहते थे। जून 2013 में जब केदारनाथ में जल प्रलय आई, तब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वह उत्तराखंड आए, मगर विभिन्न कारणों से केदारनाथ नहीं जा पाए। तब उन्होंने केदारपुरी को उसकी दिव्यता एवं भव्यता के अनुरूप संवारने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह निरंतर केदारनाथ आ रहे हैं। वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्य उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है।

नमो विजन के अनुरूप बना मास्टर प्लान

जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी केदारपुरी का पुनर्निर्माण, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के विजन और केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में केदारपुरी का मास्टर प्लान इस तरह से तैयार किया गया, जो लंबे समय तक टिकाऊ रहे। केदारपुरी में प्रथम चरण में 225 करोड़ की लागत से आदि शंकराचार्य की समाधि का निर्माण व प्रतिमा की स्थापना, सरस्वती, मंदाकिनी नदियों व उनके घाटों की सुरक्षा, सेतु निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के आवास का निर्माण, आस्था पथ संबंधी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण में वहां 184 करोड़ की लागत के कार्य शुरू किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों को केदारनाथ की धारण क्षमता को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

बनेंगे फैब्रिकेटेड रेन शेल्टर

केदारनाथ यात्रियों की सुविधा के लिए पैदल यात्रा मार्ग पर पहले पड़ाव गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक जगह-जगह फैब्रिकेटेड रेन शेल्टर बनाने की मुहिम शुरू की गई है। इस पर 4.22 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

रावल, पुजारियों के लिए तीन मंजिला भवन

केदारनाथ धाम में पूजा के सफल आयोजन के मद्देनजर रावल व पुजारियों को एक छत के नीचे सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरस्वती नदी के पास तीन मंजिला भवन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 18 कक्ष होंगे। इसके लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित

वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ स्थित शंकराचार्य की समाधि भी बह गई थी। प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशन में समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई। साथ ही वहां शंकराचार्य की 35 टन वजनी प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई है।

म्यूजियम में दिखेगी उत्तराखंडी संस्कृति

केदारनाथ में तैयार हो रहे म्यूजियम में धाम की स्थापना से लेकर अब तक का सफर तो सामने होगा ही, उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी श्रद्धालु परिचित होंगे। इसके साथ ही धाम में श्रद्धालुओं के लिए आधारभूत सुविधाएं जुटाई गई हैं और यह क्रम जारी है। केंद्र की प्रसाद योजना के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अवस्थापना सुविधाएं विकसित की गई हैं।

chat bot
आपका साथी