उत्‍तराखंड में 21 सितंबर से खुल रहे प्राथमिक विद्यालय, एसओपी का पालन करते होगी छोटे बच्चों की पढ़ाई

उत्‍तराखंड में 21 सितंबर से प्राथमिक विद्यालय खोले जा रहे हैं। सरकार के इस निर्णय का निजी व सरकारी दोनों ही स्कूलों ने स्वागत किया है। कहा कि सरकार जो भी एसओपी जारी करेगी उसका पूरा पालन करते हुए स्कूलों में छोटे बच्चों की पढ़ाई करवाई जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 04:05 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 04:05 PM (IST)
उत्‍तराखंड में 21 सितंबर से खुल रहे प्राथमिक विद्यालय, एसओपी का पालन करते होगी छोटे बच्चों की पढ़ाई
19 महीने बाद 21 सितंबर को पहली से पांचवी तक के छात्र-छात्राओं के लिए दोबारा स्कूल खोलने की तैयारी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश में 19 महीने बाद 21 सितंबर को पहली से पांचवी तक के छात्र-छात्राओं के लिए दोबारा स्कूल खोलने की तैयारी है। निजी व सरकारी दोनों ही स्कूलों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार जो भी एसओपी जारी करेगी उसका पूरा पालन करते हुए स्कूलों में छोटे बच्चों की पढ़ाई करवाई जाएगी। बच्चों के स्कूल आने के लिए अभिभावकों की सहमति जरूर ली जाएगी। वहीं, सरकारी स्कूलों का भी यही कहना है।

करीब डेढ़ वर्ष पहले कोरोना संक्रमण फैलने के बाद फरवरी में नान बोर्ड एवं मार्च महीने में सभी कक्षाओं के लिए स्कूल बंद कर दिए गए थे। कोरोना संक्रमण कम होने के बाद पिछले वर्ष नवंबर महीने में नौवीं से 12वीं और इस वर्ष फरवरी में छठी से आठवीं तक के लिए स्कूल खुले थे। लेकिन, अप्रैल महीने में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद एक दफा फिर स्कूल बंद हो गए। दूसरी लहर में संक्रमण कम होने के बाद इस वर्ष दो अगस्त से नौवीं से 12वीं व 16 अगस्त से छठी से आठवीं तक के स्कूल खुल चुके हैं। देहरादून को छोड़कर अन्य जिलों में 90 फीसद तक छात्र स्कूल आकर ही पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि जो छात्र स्कूल नहीं पहुंच रहे, उनके लिए आनलाइन पढ़ाई का विकल्प खुला है। गुरुवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई एक बैठक के बाद 21 सितंबर से पहली से पांचवी तक के छात्रों के लिए भी स्कूल खोलने पर सहमति जताई है।

केवि को गाइडलाइन का इंतजार

केंद्रीय विद्यालय (केवि) संभाग की उपायुक्त मीनाक्षी जैन ने कहा कि अभी उनके पास सरकार की ओर से प्राथमिक कक्षाओं की पढ़ाई आफलाइन करवाने के आदेश नहीं पहुंचे हैं। जो भी सरकार के आदेश एवं एसओपी होगी उनके अनुसार स्कूल संचालित किए जाएंगे। फिलहाल इन कक्षाओं के लिए आनलाइन पढ़ाई जारी है।

अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को नहीं हैं तैयार

रेसकोर्स निवासी मोनिका अरोड़ा का कहना है कि प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूल खोलना अभी सुरक्षित नहीं है। अभी बच्चों को कोरोना रोधी टीके नहीं लगे हैं। वहीं, स्कूल में छोटे बच्चों की निगरानी करना भी आसान नहीं होगा। उधर, अभिभावक एकता समिति के अध्यक्ष लव चौधरी का कहना है कि कोरोना संक्रमण भले ही कम हो गया हो, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। सरकार को प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। ऐसा लगता है सरकार निजी स्कूलों के दबाव में यह फैसला ले रही है।

दिग्विजय सिंह चौहान, (प्रदेश अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ) का कहना है कि प्रदेश सरकार का प्राथमिक स्कूलों को खोलने का फैसला स्वागत योग्य है। करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद होने के चलते छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। शिक्षकों से अपील है कि स्कूल खुलने पर इस नुकसान की भरपाई को हर संभव प्रयास करें।

प्रेम कश्यप, (अध्यक्ष, प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन) का कहना है कि सरकार ने प्राथमिक स्कूलों को खोलने का निर्णय लेकर बेहतर कदम उठाया है। करीब डेढ़ साल से स्कूल नहीं पहुंचे छात्रों की पढ़ाई का नुकसान तो हुआ ही। साथ ही मानसिक एवं शारीरिक विकास पर भी प्रभाव पड़ा है। प्रदेश के सभी निजी स्कूल छात्रों की पूरी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार की गाइडलाइन के साथ स्कूल संचालित करने को तैयार हैं।

डा. मुकुल कुमार सती (मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून) का कहना है कि प्राथमिक स्कूल खोलने को लेकर सरकार के आदेश एवं एसओपी का इंतजार किया जा रहा है, जो भी आदेश होंगे सभी स्कूलों में उनका पालन कराया जाएगा।

यह भी पढ़ें:- उत्तराखंड: 21 सितंबर से खुलेंगे प्राथमिक विद्यालय, कोरोनाकाल में पहली बार खुलने जा रहे पांचवी तक के स्कूल

chat bot
आपका साथी