पेट्रोल और रसोई गैस के बाद तरकारी के भी तेवर तल्ख, 60 रुपये किलो पहुंचे टमाटर के दाम
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ने से आम आदमी परेशान था ही अब त्योहारी सीजन में फल-सब्जियों के दाम में अचानक बढ़ोत्तरी हो गई है। बीस रुपये किलो बिकने वाला टमाटर सीधे 60 रुपये किलो बिक रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ने के बाद अब आम आदमी को भोजन की थाली भी महंगी पड़ रही है। फल-सब्जियों के दाम में अचानक बेतहाशा वृद्धि हो गई है। टमाटर और प्याज भी आम आदमी को रुला रहे हैं। आवक घटने और परिवहन महंगा होने को दाम बढ़ने का कारण बताया जा रहा है। साथ ही नवरात्र के बहाने फुटकर व्यापारियों की मनमानी के कारण फल-सब्जियों के दाम उछाल पर हैं। इन दिनों दून में फल-सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं।
इसका मुख्य कारण आवक घटने को माना जा रहा है। हालांकि, परिवहन महंगा होने के कारण भी दाम में इजाफा हुआ है। देहरादून की मंडी में बुधवार को करीब साढ़े आठ हजार कुंतल फल-सब्जी पहुंची। जबकि, आमतौर पर यह आंकड़ा 12 हजार कुंतल से अधिक रहता है। बताया जा रहा है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की मंडियों से फल-सब्जी की आवक में गिरावट आई है।
इसीलिए यह परिवर्तन देखने को मिला है। उस पर पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि होने से ढुलान भी महंगा हो गया है। इसके अलावा नवरात्र के नाम पर फुटकर बाजार में फल-सब्जियों के दाम मनमाफिक वसूले जा रहे हैं। मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल का कहना है कि नवरात्र के दौरान फल-सब्जियों की डिमांड बढ़ जाती है। जिससे दामों में थोड़ा उछाल आता है। हालांकि, बाजार में भाव काफी बढ़ा हुआ है। नए नियमों के तहत मंडी समिति फुटकर बाजार पर नियंत्रण नहीं कर सकती है। जिसके चलते अक्सर व्यापारी मनमानी करते हैं।
यह है स्थिति
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