स्कूली पढ़ाई में शारीरिक शिक्षा को विषय बनाने की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर

प्रदेश के स्कूलों में शारीरिक शिक्षा विषय के तौर जल्द शामिल हो सकती है। नई शिक्षा नीति में शारीरिक शिक्षा की दी गई महत्ता को देखते हुए शिक्षा विभाग इसे जल्द लागू करने पर विचार कर रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 04:56 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 04:56 PM (IST)
स्कूली पढ़ाई में शारीरिक शिक्षा को विषय बनाने की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर
शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपते राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला।

जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश के स्कूलों में शारीरिक शिक्षा विषय के तौर जल्द शामिल हो सकती है। नई शिक्षा नीति में शारीरिक शिक्षा की दी गई महत्ता को देखते हुए शिक्षा विभाग इसे जल्द लागू करने पर विचार कर रहा है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने शिक्षा निदेशालय से इस संबंध प्रस्ताव भी मांगें हैं।

राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री डा. सोहन सिंह माजिला के नेतृत्व में संघ का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम से मिला। यहां संघ ने प्रवक्ता, हेडमास्टर और प्रधानाचार्य के पदों पर जल्द डीपीसी कर पदोन्नति की मांग की। वहीं शारीरिक शिक्षा को विषय के तौर पर शामिल करने की मांग भी प्रमुखता से उठाई। संघ ने बेसिक से एलटी में समायोजित सभी शिक्षकों को चयन- प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने की मांग की। साथ ही वरिष्ठ-कनिष्ठ का शासनादेश संशोधित करने की मांग उठाई। माजिला ने बताया कि शिक्षा सचिव के अनुसार बेसिक से एलटी में समायोजित सभी शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दिए जाने की प्रक्रिया जारी है। वहीं कनिष्ठ- वरिष्ठ शिक्षकों को जनवरी महीने से ही वरिष्ठता दिए जाने के लिए फाइल वित्त संभाग में भेज दी गई है। शारीरिक शिक्षा को विषय के तौर पर शामिल करने की लंबे समय से चल रही मांग पर शिक्षा सचिव ने शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा है। प्रतिनिधिमंडल में संयुक्त सचिव जेएल शर्मा, डिप्टी सचिव अनिल पांडे, अंडर सचिव शिवविभूति रंजन, संयुक्त निदेशक हरे राम यादव, संघ के कोषाध्यक्ष अनुज चौधरी मौजूद रहे।

- शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि शारीरिक शिक्षा को विषय के तौर पर स्कूलों में लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया है। बेसिक से एलटी में समायोजित सभी शिक्षकों को चयन एवं वेतनमान दिए जाने की फाइल वित्त संभाग को भेज दी गई है। कनिष्ठ-वरिष्ठ सभी शिक्षकों को जनवरी से ही वरिष्ठता दिए जाने की फाइल भी वित्त संभाग को भेज दी गई है।

प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति में शिथिलता पर भी विचार

शासन की ओर से हेड मास्टर से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में शिथिलता बरतने पर भी विचार किया जा रहा है। ज्यादा लोग को पदोन्नति का लाभ मिल सके और प्रधानाचार्य पद खाली न रहें इसके लिए हेड मास्टर से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की अर्हता पांच वर्ष से घटाकर ढाई वर्ष किए जाने पर विचार किया जा रहा है। आने वाली कैबिनेट में यह मामला उठ सकता है।

पदोन्नति सूची के साथ वेटिंग लिस्ट भी जारी करे विभाग

प्रदेशभर में करीब 1200 प्रवक्ता और 670 हेड मास्टर के पदों पर पदोन्नति होनी हैं। पदोन्नति के लिए डीपीसी होने से पहले शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री और विभाग से पूरी प्रक्रिया में सुधार की मांग की है। शिक्षकों ने पदोन्नति सूची के साथ वेटिंग लिस्ट जारी करने और पदोन्नति की अंतिम सूची की विसंगतियां दूर करने की मांग की है। राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय राजपूत ने कहा कि पदोन्नति सूची जारी होने के बाद कई शिक्षक ड्यूटी ज्वाइन नहीं करते हैं। ऐसे में यह पद खाली छूट जाते हैं। विभाग को पदोन्नति सूची जारी करने के साथ 25 फीसद अतिरिक्त वेटिंग लिस्ट जारी करनी चाहिए। ताकि अगर कोई शिक्षक ज्वाइनिंग नहीं लेता तो बाद के शिक्षकों को मौका दिया जा सके। एक बड़ी समस्या यह भी है कि पदोन्नति की अंतिम सूची में उत्तर प्रदेश को कार्यमुक्त हुए शिक्षक, पूर्व में पदोन्नत शिक्षक, दिवंगत शिक्षक, सेवानिवृत्त, सेवा विस्तार वाले शिक्षकों का नाम भी होता है। जबकि इन शिक्षकों का नाम सूची में होने का कोई फायदा नहीं। पदोन्नति सूची की यह विसंगतियां दूर होना जरूरी है। उन्होंने शिक्षा मंत्री एवं विभाग से तत्काल इन विसंगतियों को दूर करने की मांग की।

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