एमडीडीए के नाम पर उगाही करने पहुंचा पीआरडी जवान, शक होने पर लोगों ने पकड़ा; किया पुलिस के हवाले

पीआरडी का जवान सेलाकुई स्थित राजा रोड पर एमडीडीए के नाम से वसूली करने पहुंच गया। यहां भवन का निर्माण करा रहे एक व्यक्ति से उसने पांच हजार रुपये ले भी लिए थे। इसके बाद वह एक अन्य निर्माणाधीन भवन में पहुंचा तो शक के आधार पर पकड़ लिया गया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:19 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:19 AM (IST)
एमडीडीए के नाम पर उगाही करने पहुंचा पीआरडी जवान, शक होने पर लोगों ने पकड़ा; किया पुलिस के हवाले
एमडीडीए के नाम पर उगाही करने पहुंचा पीआरडी जवान।

जागरण संवाददाता, देहरादून। पीआरडी का एक जवान सेलाकुई स्थित राजा रोड पर एमडीडीए के नाम से वसूली करने पहुंच गया। यहां भवन का निर्माण करा रहे एक व्यक्ति से उसने पांच हजार रुपये ले भी लिए थे। इसके बाद वह एक अन्य निर्माणाधीन भवन में पहुंचा तो शक के आधार पर पकड़ लिया गया। सच्चाई सामने आने के बाद भवन का निर्माण करा रहे व्यक्ति ने उसे सेलाकुई थाना पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपित जवान का नाम राजकुमार है। वह सहसपुर के जस्सोवाला क्षेत्र में रहता है।

सेलाकुई थाना पुलिस के मुताबिक, राजा रोड पर शिव प्रसाद नाम के व्यक्ति का भवन बन रहा है। गुरुवार दोपहर पीआरडी जवान वहां पहुंचा और खुद को एमडीडीए का अधिकारी बताकर नक्शा दिखाने को कहा। साथ ही निर्माण अवैध होने का भय दिखाकर रुपये की मांग की। निरीक्षण के लिए उसके साथ किसी अन्य कर्मचारी को न देखकर वहां मौजूद व्यक्तियों को शक हुआ। इस बाबत उन्होंने पूछा तो आरोपित ने बताया कि वह टीम का हेड है और सभी कार्रवाई वही करेगा। वह चाहें तो उन्हें कार्रवाई से बचा भी सकता है।

आरोपित का उगाही का इरादा भांपकर भवन निर्माण रहा रहे व्यक्तियों ने उसे पकड़ लिया। खुद को फंसता देख जवान गिड़गिड़ाने लगा और कबूल किया कि वह एमडीडीए का अधिकारी नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया गया, जो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक स्थानीय व्यक्ति यह भी कहता दिख रहा है कि कुछ देर पहले जवान उससे पांच हजार रुपये वसूल चुका है। हालांकि, यह धनराशि आरोपित ने पर्दाफाश होने पर संबंधित व्यक्ति को लौटा दी।

पूर्व में एमडीडीए में काम कर चुका है आरोपित

आरोपित पीआरडी जवान राजकुमार पूर्व में एमडीडीए में तैनात रह चुका है। एमडीडीए कार्मिकों के साथ फील्ड में निरीक्षण के दौरान वह यह सीख चुका था कि भवन निर्माण के दौरान संबंधित व्यक्ति से क्या-क्या सवाल किए जाते हैं। संभवत: उसकी यह कारगुजारी पूर्व के ही कुछ अनुभव की देन हो।

यह भी पढ़ें- तीन साल से चल रहा था फर्जी बिल पर क्लेम का खेल, भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालकों से पूछताछ पूरी

chat bot
आपका साथी