Sawan Somwar 2020: सावन का पांचवां सोमवार, शिवालयों में श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
Sawan Somwar 2020 सावन के पांचवें और अंतिम सोमवार पर दून समेत सूबे के अन्य शहरों में शिवालयों में श्रद्धालुओं ने जयकारे के साथ जलाभिषेक कर शिव की आराधना की।
देहरादून, जेएनएन। Sawan Somwar 2020 सावन का पांचवां और आखिरी सोमवार आज है। सुबह से ही दून के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने को भोर ही शिव मंदिरों में लाइन लगना शुरू हो गई थी। आखिरी सोमवार पर भक्तों ने भगवान महादेव का व्रत रख शिव भगवान और मां पार्वती की अराधना की। आखिरी सोमवार के मौके पर टपकेश्वर महादेव, श्री पृथ्वीनाथ मंदिर समेत दूसरे मंदिरों में भगवान शिव जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया।
बात दें कि छह जुलाई से शुरू हुए इस सावन का आज पांचवां और अंतिम सोमवार है। पर्वतीय क्षेत्रों के तीसरे सोमवार पर मंदिरों में श्रद्धालु जल चढ़ाने पहु़ंचे। गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर में सुबह रुद्राभिषेक के बाद जलाभिषेक हुआ। यहां सुबह छह बजे के बाद जल चढ़ाने के लिए भीड़ जुटनी शुरू हो गई। सहारनपुर चौक स्थित पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने अपील का पालन करते हुए घर से पात्र लेकर व शारीरिक दूरी बनाकर जलाभिषेक किया। आराघर चौक स्थित हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।
रुड़की में अलसुबह से मंदिरों में पहुंचे शिवभक्त
सावन के पांचवें सोमवार को शहर के मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए अलसुबह से ही शिवभक्त पहुंच रहे हैं। मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के साथ ही भगवान शिव की आराधना की जा रही है। शहर के सिविल लाइंस स्थित प्रसिद्ध प्राचीन श्री सिद्धेश्वर महादेव शिव मंदिर, नहर किनारे स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर, सब्जी मंडी चौक के शिव हनुमान मंदिर, रामनगर के शिव चौक मंदिर एवं राम मंदिर, सुभाष नगर के संतोषी माता मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों और आसपास के क्षेत्र के मंदिरों में अलसुबह से ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आ रहे हैं।
कोरोना वायरस महामारी के कारण श्रद्धालुओं के बीच शारीरिक दूरी बनाने के लिए मंदिर समितियों की ओर से व्यवस्था की गई है, वहीं कुछ मंदिरों में श्रद्धालुओं की ओर से शिवलिंग पर सीधे जल चढ़ाया जा रहा है, जबकि कुछ मंदिरों में जलाभिषेक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। सिविल लाइंस के शिव मंदिर में पात्र पर जल चढ़ाने के बाद पाइप के माध्यम से शिवलिंग तक जल पहुंचाया जा रहा है।
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