महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल में नहीं करवाया भर्ती, मौत के बाद कर दिया अंतिम संस्कार
एक व्यक्ति ने अपनी गर्भवती पत्नी को डिलीवरी के लिए अस्पताल में ले जाने की बजाए घर पर ही रखा। समय पर उपचार न मिलने के कारण गर्भवती महिला ने डिलीवरी से पहले ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपित व उसके स्वजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दहेज के लालच में एक व्यक्ति ने अपनी गर्भवती पत्नी को डिलीवरी के लिए अस्पताल में ले जाने की बजाए घर पर ही रखा। समय पर उपचार न मिलने के कारण गर्भवती महिला ने डिलीवरी से पहले ही दम तोड़ दिया। महिला की मृत्यु की मायके वालों को कानों कान खबर न हो, इसके लिए आरोपित ने चुपके से उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। घटना के 19 दिन बाद पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने आरोपित व उसके स्वजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
रतनपुर शिमला बाइपास निवासी सोहन सिंह ने बताया कि उसकी सगी बहन पुष्पा नेगी का विवाह तीन वर्ष पूर्व दीपक सिंह नेगी के साथ हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद ही पुष्पा ने एक बालिका को जन्म दिया। आरोपित दीपक व उसके स्वजन पुष्पा को दहेज के लिए तंग परेशान करने लगे। इसकी सूचना उसने मायके में भी दी, लेकिन दोनों पक्षों में बातचीत होने के बाद मामला शांत हो गया। इसके बाद पुष्पा दोबारा गर्भवती हो गई, लेकिन आरोपित पति ने उसे घर से अलग कर दिया और उससे कोई बातचीत व मेल जोल नहीं रखा।
26 अप्रैल की रात पुष्पा को डिलीवरी का दर्द उठना शुरू हुआ तो पुष्पा ने अपने पति को बुलाकर अस्पताल जाने को कहा, लेकिन उसका पति दीपक उसे अस्पताल नहीं ले गया। पुष्पा की पहली डिलीवरी भी बड़े आपरेशन से हुई थी, जिसे अस्पताल ले जाना जरूरी था। दहेज की मांग पूरी न करने के कारण आरोपित पति व उसके स्वजनों ने उसका उपचार नहीं करवाया। दर्द से कहराते हुए पुष्पा ने 27 अप्रैल को दोपहर दो बजे दम तोड़ दिया।
पीड़ित ने बताया कि पुष्पा की मृत्यु की सूचना मायके परिवार को न देकर आरोपितों ने गुपचुप तरीके से दाह संस्कार भी कर दिया। मायका परिवार ने जब मृत्यु का कारण पूछा तो आरोपितों ने मृत्यु की सूचना देने की बजाए लड़ाई झगड़ा करना शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ें-भगवानपुर थाना पुलिस ने स्मैक के साथ मुजफ्फरनगर के दो तस्करों को दबोचा
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें