सराफ से हुई लूट में पुलिस की आठ टीम गठित, आरोपितों की धरपकड़ के लिए खंगाले जा रहे सीसीटीवी

पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार रात सराफ से हुई लूट की वारदात में पुलिस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गिरोह पर फोकस कर रही है। वहीं जांच में यह भी सामने आया है कि वारदात करने के बाद बदमाश श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के सामने से होते हुए भागे हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 02:59 AM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 01:17 PM (IST)
सराफ से हुई लूट में पुलिस की आठ टीम गठित, आरोपितों की धरपकड़ के लिए खंगाले जा रहे सीसीटीवी
डीआइजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि करीब दो सौ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखा जा चुका है।

देहरादून,जेएनएन।  पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार रात सराफ से हुई लूट की वारदात में पुलिस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गिरोह पर फोकस कर रही है। वहीं, जांच में यह भी सामने आया है कि वारदात करने के बाद बदमाश श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के सामने से होते हुए भागे हैं। लुटेरों की धरपकड़ को कुल आठ टीमों का गठन किया है। सभी टीमों को अलग-अलग टास्क सौंपे गए हैं। टीमें अब तक दो सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल चुकी हैं। जिससे यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि बदमाश शहर में ही कहीं छिपे हुए हैं, क्योंकि आशारोड़ी और रिस्पना पुल पर लगे कैमरों से लूट में इस्तेमाल की गई बाइक के शहर से बाहर निकलने की फुटेज नही मिल रही है।

तफ्तीश में पुलिस वारदात के हर एंगल की बारीकी से जांच कर रही है। शुरू में पुलिस को यह भी अंदेशा हुआ कि इस वारदात के पीछे ज्वेलर्स शफीक उर रहमान के किसी परिचित या दुकान में पहले काम कर चुके किसी कर्मचारी का हाथ हो सकता है। इसके लिए पुलिस ने उनकी ज्वेलरी शॉप में काम कर चुके कर्मचारियों से पूछताछ की और जो पहले काम कर चुके हैं, उनसे फोन पर बात की। इसके बाद उसके दोनों भाइयों की मोहब्बेवाला और धामावाला स्थित ज्वेलरी शोरूम पर भी टीम पहुंची। यहां भी पुलिस ने सभी कर्मचारियों के अलग-अलग बयान रिकॉर्ड किए। मगर कहीं से भी पुलिस को किसी जान-पहचान के शख्स के शामिल होने का सुराग नहीं मिला। इस आधार पर पुलिस मान रही है कि वारदात को किसी पेशेवर गिरोह या फिर लुटेरों ने अंजाम दिया है। उधर, करीब दो सौ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखने के बाद यह बात सामने आई कि बदमाश मंगलवार रात पौने नौ बजे वारदात को अंजाम देने के बाद श्री महंत इंद्रेश अस्पताल के मेन गेट के सामने से गलियों से होते हुए सहारनपुर रोड पर पहुंचे। फिर वहां से सहारनपुर चौक की ओर भाग निकले। इसके बाद की लोकेशन का पुलिस ने राजफाश नहीं किया है। 

डीआइजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि अब तक करीब दो सौ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखा जा चुका है। कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिन पर टीमें काम कर रही हैं। बदमाशों का पता लगाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों की पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है। साथ ही हाल के दिनों में जेल से बाहर आए बदमाशों के मूवमेंट की जानकारी की जा रही है। 

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जमानत पर छूटे बदमाशों की खंगाल रहे कुंडली

पुलिस लॉकडाउन से लेकर अब तक विभिन्न जिलों की जेलों से पैरोल या जमानत पर बाहर आए बदमाशों की कुंडली खंगाल रही है। उनकी मूवमेंट की जानकारी करने के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों की पुलिस से भी संपर्क साधा गया है। इसकी एक वजह यह भी है कि ज्वेलर्स अक्सर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से सोने-चांदी की खरीदारी किया करता था। इसलिए पुलिस का मानना है कि उसके इस मूवमेंट के आधार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कोई गैंग उसे निशाना बना सकता है। 

एक सप्ताह से खराब मंडी पर लगा हाई रेजुलेशन का कैमरा 

लूट की वारदात होने के बाद पुलिस निरंजनपुर मंडी पर लगे स्मार्ट सिटी के हाई रेजुलेशन कैमरे की फुटेज की आस लगाए बैठी थी। पुलिस को उम्मीद थी कि काफी बेहतर क्षमता वाले इस कैमरे में बाइक के मॉडल से लेकर बदमाशों के हुलिये के बारे में सटीक जानकारी मिल जाएगी, लेकिन बुधवार दोपहर जब पुलिस की टीम स्मार्ट सिटी के आईटी पार्क की स्थित दफ्तर पहुंची, तो पता चला कि कैमरा खराब पड़ा हुआ है।

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