देहरादून: आमरण अनशन पर बैठे उक्रांद कार्यकर्त्ता गिरफ्तार, बाद में छोड़ा गया
सख्त भू-कानून और मूल निवास कानून लागू करने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के नेता उमेश खंडूड़ी ने शनिवार को घंटाघर स्थित स्व. इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा के सामने आमरण अनशन किया। उनके समर्थन में उक्रांद के कई कार्यकर्त्ता भी पहुंच गए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में सख्त भू-कानून और मूल निवास कानून लागू करने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के नेता उमेश खंडूड़ी ने शनिवार को घंटाघर स्थित स्व. इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा के सामने आमरण अनशन किया। उनके समर्थन में उक्रांद के कई कार्यकर्त्ता भी पहुंच गए और नारेबाजी की। पुलिस-प्रशासन के यहां टेंट लगाने की मनाही पर माहौल गरमा गया। उक्रांद कार्यकर्त्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर प्रशासन ने उनके टेंट उखाड़ फेंके हैं। मामला बिगड़ता देख पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस कार्यकत्र्ताओं को शांत करने का प्रयास करती रही, लेकिन वह नहीं माने। बाद में पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया। शाम को सभी को बिना शर्त रिहा कर दिया गया।
कार्यकर्त्ताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार के इशारे पर प्रशासन और पुलिस उनका उत्पीडऩ कर रही है। उन्होंने चेताया कि सरकार की दमनकारी नीतियों के विरोध में उनका संघर्ष जारी रहेगा। इससे पूर्व आमरण अनशन स्थल पर हुई सभा में दल के पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य की जमीन व संसाधनों को बचाने के लिए सख्त भू-कानून लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद जितनी भी सरकारें बनी हैं, सभी ने संसाधनों की खुली लूट की है। जमीनें औने-पौने दाम पर भूमाफिया को बेची गई। मौजूदा समय में स्थिति यह कि मूल भूमिधर ही भूमिहीन हो गया है। कहा कि भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर उक्रांद का आंदोलन जारी रहेगा।
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