Black Marketing Of Fungus: दून में फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी, तीन चढ़े पुलिस के हत्थे

क्लेमेंटाउन थाना पुलिस ने फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही उनसे पांच इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 04:34 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 10:04 PM (IST)
Black Marketing Of Fungus: दून में फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी, तीन चढ़े पुलिस के हत्थे
देहरादून में फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए तीन गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आपदा में अवसर तलाश रहे इंसानियत के दुश्मन दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे। अब दून में फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ी गई है। पुलिस ने पिता-पुत्र समेत तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास पांच इंजेक्शन मिले हैं, जो वह अहमदाबाद से लाए थे। आरोपित इन्हें 85 हजार रुपये में बेचने वाले थे।

पुलिस अधीक्षक नगर सरिता डोबाल के अनुसार, मंगलवार को भारूवाला ग्रांट में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस हेल्पलाइन 112 पर लिप्सोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कालाबाजारी की शिकायत की। इस प्रकरण की जांच थानाध्यक्ष क्लेमेनटाउन धमेंद्र सिंह रौतेला को सौंपी गई। उन्होंने शिकायतकर्ता से फोन पर पूछताछ की तो पता चला कि उनका कोई रिश्तेदार फंगस से पीड़ित है, जिसके उपचार के लिए चिकित्सकों ने इस इंजेक्शन की व्यवस्था करने को कहा था।

काफी प्रयास करने पर भी इंजेक्शन नहीं मिला तो उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट डाली। इसके बाद उन्हें एक व्यक्ति ने फोन कर इंजेक्शन उपलब्ध करवाने का दावा किया। शुरुआत में उसने एक इंजेक्शन 8500 रुपये में देने की बात कही। जब उन्होंने बताया कि पांच इंजेक्शन चाहिए तो आरोपित ने पहले पांच इंजेक्शन के लिए 50 हजार और बाद में 85 हजार रुपये की मांग की।

इसके बाद पुलिस ने आरोपित और उसके साथियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। इस क्रम में सबसे पहले शिकायतकर्ता को जिस मोबाइल नंबर से फोन किया गया था, उसकी लोकेशन निकाली गई, जो जौलीग्रांट में मिली। तत्पश्चात क्लेमेनटाउन थाना पुलिस और एसओजी (स्पेशल आपरेशन ग्रुप) की ने आरोपित के पीछे मुखबिर लगाने के साथ ही शिकायतकर्ता को उससे सौदा करने के लिए कहा।

शिकायतकर्ता ने आरोपित को डील के लिए हिमालयन चौक जौलीग्रांट के पास बुलाया। वहां आरोपित और उसके साथियों के पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। आरोपितों की पहचान वसीम सिद्दीकी हाल निवासी आशीर्वाद एनक्लेव देहराखास और राकेश थपलियाल व अनुज थपलियाल हाल निवासी हर्रावाला मूल निवासी ग्राम नागनाथ पोखरी (चमोली) के रूप में हुई। राकेश व अनुज पिता-पुत्र हैं और नकरौंदा में मेडिकल स्टोर चलाते हैं।

बाजार में नहीं बेचा जा सकता इंजेक्शन

लिप्सोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की बाजार में बिक्री पर फिलहाल सरकार ने रोक लगा रखी है। अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए चिकित्सक संस्तुति करता है तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अनुमति के बाद स्वास्थ्य विभाग यह इंजेक्शन उपलब्ध कराता है। यह इंजेक्शन पूर्व में चार से पांच हजार रुपये में बेचा जाता था।

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