दो हजार लीटर दूध नष्ट कराया, दस सैंपल लिए

दूध में मिलावट पकड़ने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम बुधवार को अलसुबह मैदान में उतरी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:03 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:03 PM (IST)
दो हजार लीटर दूध नष्ट कराया, दस सैंपल लिए
दो हजार लीटर दूध नष्ट कराया, दस सैंपल लिए

जागरण संवाददाता, देहरादून: दूध में मिलावट पकड़ने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम बुधवार को अलसुबह मैदान में उतरी। पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की मदद से आशारोड़ी चेकपोस्ट पर राज्य के बाहर से आ रहे दूध की जाच की गई। तकरीबन 30 फीसद नमूनों में पानी की मात्रा अधिक पाई गई। इस पर टीम ने तकरीबन दो हजार लीटर दूध नष्ट करा वाहन वापस लौटा दिए। वहीं, आगे विधिक कार्रवाई के लिए दूध के दस सैंपल भी लिए गए हैं।

दून में रोजाना करीब साढ़े तीन लाख लीटर दूध की खपत होती है। इसमें एक से सवा लाख लीटर दूध उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व मेरठ और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से दून पहुंचता है। इसमें मिलावट का ज्यादा अंदेशा रहता है। इसी को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग के जिला अभिहित अधिकारी पीसी जोशी, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पाडेय, रमेश सिंह व संजय तिवारी और दुग्ध निरीक्षक एके सिंह व अशोक यादव के नेतृत्व में टीम गठित की गई। मंगलवार को रात लगभग एक बजे यह टीम आशारोड़ी पहुंच गई और बाहर से आने वाले दूध के वाहनों को रोककर जाच शुरू की। इससे दूधियों और वाहन चालकों में हड़कंप मच गया। बताया गया कि इसके चलते कई वाहन डाट काली टनल से ही लौट गए।

जिला अभिहित अधिकारी ने बताया कि कई दूधिये दूध में बर्फ की सिल्ली रख देते हैं, जो घातक है। इससे दूध की गुणवत्ता कम हो जाती है। साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। बर्फ की आड़ में बासी दूध भी बेच दिया जाता है। बर्फ फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाले पानी की गुणवत्ता बहुत खराब होती है। ऐसे में इस दूध के सेवन से पीलिया, डायरिया, डिसेंट्री और टायफाइड जैसी बीमारिया होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा दूध नष्ट करने के साथ ही दूधियों को आगाह किया गया है कि आइंदा ऐसा ना करें। उन्होंने बताया कि दीपावली पर दूध, मावा, पनीर व अन्य दुग्ध उत्पादों की अधिक खपत के कारण मिलावट की आशका ज्यादा रहती है। ऐसे में यह अभियान सतत रूप से चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि छह विक्रेताओं के खिलाफ एडीएम कोर्ट में खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम में वाद भी दायर किए गए हैं।

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