श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आठ महीने के बच्चे के पेट से निकाला 800 ग्राम का ट्यूमर

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आठ महीने के बच्ची के पेट से ट्यूमर निकालकर उसे नया जीवन दिया है। बच्ची का वजन छह किलोग्राम है शरीर के कुल वजन का 15 फीसद ट्यूमर एक जटिल मामला है। आमतौर पर इतने छोटे बच्चों में ट्यूमर नहीं होता है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 01:11 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 01:11 PM (IST)
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आठ महीने के बच्चे के पेट से निकाला 800 ग्राम का ट्यूमर
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आठ महीने के बच्चे के पेट से निकाला 800 ग्राम का ट्यूमर।

जागरण संवाददाता, देहरादून। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सकों ने आठ महीने के बच्ची के पेट से ट्यूमर निकालकर उसे नया जीवन दिया है। बच्ची का वजन छह किलोग्राम है, शरीर के कुल वजन का 15 फीसद ट्यूमर एक जटिल मामला है। आमतौर पर इतने छोटे बच्चों में 800 ग्राम वजन का ट्यूमर नहीं होता है। बच्ची के माता-पिता बेहद गरीब हैं। बच्ची का आपरेशन आयुष्मान योजना से हुआ। बच्ची के माता-पिता ने अस्पताल के चिकित्सकों, प्रबंधन व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रति आभार व्यक्त किया।

देहरादून के विकासनगर निवासी एक महिला ने दो महीने पहले अपनी बच्ची के पेट में एक बड़ी गांठ को महसूस किया। बच्ची का पेट अप्राकृतिक रूप से बढ़ रहा था। महिला ने श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के वरिष्ठ शिशु शल्य सर्जन डा. मधुकर मलेठा से परामर्श लिया। सीटी स्कैन कराने पर पाया गया कि ट्यूमर बच्चे के पूरे शरीर में फैला हुआ है।

अभिभावकों के साथ परामर्श के बाद डा. मधुकर मलेठा ने बच्ची की सर्जरी की सलाह दी। दो घंटे तक चले जटिल आपरेशन के बाद 800 ग्राम के ट्यूमर को निकाला गया। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को रिट्रोपैरीटोनियल टेरेटोमा कहते हैं। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. अनिल कुमार धवन ने कहा कि आयुष्मयान योजना से अस्पताल में प्रति माह सैकड़ों की संख्या में मरीज लाभान्वित होते हैं।

--------------------- 

वैक्सीन नहीं लगने पर रेलवे कर्मचारियों में रोष

कोरोना काल में नियमित कार्य करने के बावजूद अभी तक वैक्सीन नहीं लगने से रेलवे कर्मचारियों में नाराजगी बढऩे लगी है। उनका कहना है कि सरकार व जिला प्रशासन को उनके व उनके परिवार के स्वास्थ्य की चिंता नहीं है। नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन देहरादून के शाखा सचिव उग्रसेन सिंह ने बताया कि कोरोना काल में रेलवे कर्मचारी निरंतर कार्य कर रहें हैं, लेकिन उनको फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा नहीं मिला है। इस संदर्भ में यूनियन कर्मचारी सोमवार को जिलाधिकारी से मुलाकात करने उनके कार्यालय भी पहुंचे थे। लेकिन जिलाधिकारी बैठक में होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन को रेलवे कर्मियों व उनके स्वजनों को वैक्सीन लगवाने के लिए कैंप लगाने की जरूरत है।

यह भी पढ़ें-सर्वधर्म प्रार्थना सभा: अस्पताल के आइसीयू से लेकर भगवान के दरबार तक प्रार्थना को उठे हाथ

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी