ऋषिकेश: फार्मासिस्ट ने दो घंटा कार्य बहिष्कार कर किया प्रदर्शन, सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
Rishikesh News फार्मासिस्ट ने उत्तराखंड डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर अपनी मांगों के समर्थन में दो घंटा कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के फार्मासिस्ट ने उत्तराखंड डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर अपनी मांगों के समर्थन में दो घंटा कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
राजकीय चिकित्सालय में तैनात फार्मासिस्टों ने फार्मासिस्ट संवर्ग के पुनर्गठन सहित कई लंबित मांगों के निराकरण के लिए चिकित्सालय परिसर में शनिवार को भी दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। इस मौके पर सभी फार्मासिस्टों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की। इस मौके पर चीफ फार्मासिस्ट वीपीएस रावत ने बताया कि वे लंबे समय से फार्मासिस्ट संवर्ग का पुनर्गठन, प्रमोशन के पदों में वृद्धि, पोस्टमार्टम भत्ते की विसंगतियों का निराकरण, पुरानी एसीपी और खाली पदों पर प्रमोशनों की मांग करते आ रहे हैं। पर, सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
इससे कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है। यही वजह है कि फार्मासिस्टों को कार्य बहिष्कार के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अभी भी फार्मासिस्टों की मांगों का निराकरण नहीं किया तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे। इस दौरान चिकित्सालय के सभी फार्मासिस्ट उपस्थित थे।
राज्य आंदोलनकारियों को मिले दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच तथा उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को दस सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन दिया। शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी व वेद प्रकाश शर्मा के नेतृत्व में राज्य आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। बताया कि राज्य बनने के बाद से राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड राज्य के हितों की लड़ाई में सहयोग और सुझाव सरकार को देते रहे हैं, लेकिन सत्ता में जो भी सरकारें आई उन्होंने राज्य आंदोलन कार्यों के हित में शासनादेश भी जारी किए गए, जिसका आंदोलनकारियों ने स्वागत भी किया है। पर, साढ़े चार वर्ष से राज्य आंदोलनकारियों की मांगों पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
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इसके कारण आंदोलन कार्यों में सरकार के प्रति रोष उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने, एक समान पेंशन, राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी घोषित किए जाने की मांग की। आंदोलनकारियों ने हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी वन कानून लागू करने की मांग की। इस अवसर पर मंच के प्रदेश महामंत्री बीएस गुसाईं, गंभीर सिंह मेवाड़, बलवीर सिंह नेगी, विक्रम भंडारी, करण सिंह पंवार आदि मौजूद थे।
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