तो भ्रष्टाचार नहीं, धोखाधड़ी के मामले को दी गई मुकदमा दर्ज करने की अनुमति

सरकार ने एनएच 74 चौड़ीकरण मुआवजा प्रकरण पर डीओपीटी को आइएएस अधिकारियों की मामले से संबंधित तथ्य सौंप दिए हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 10:34 PM (IST) Updated:Fri, 19 Oct 2018 12:20 PM (IST)
तो भ्रष्टाचार नहीं, धोखाधड़ी के मामले को दी गई मुकदमा दर्ज करने की अनुमति
तो भ्रष्टाचार नहीं, धोखाधड़ी के मामले को दी गई मुकदमा दर्ज करने की अनुमति

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सरकार ने एनएच 74 (हरिद्वार-ऊधमसिंहनगर-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग) चौड़ीकरण मुआवजा प्रकरण पर डीओपीटी को आइएएस अधिकारियों की मामले से संबंधित तथ्य सौंप दिए हैं। इनमें मुख्य रूप से एसआइटी की जांच रिपोर्ट और शासन द्वारा अधिकारियों से किए गए शुरुआती जवाब तलब की पत्रावलियां शामिल हैं। हालांकि, अभी डीओपीटी से अनुमति न मिलने के बावजूद शासन ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए अभियोजन की अनुमति दी है। सूत्रों की मानें तो शासन ने धोखाधड़ी व अन्य मामलों में आइएएस पंकज कुमार पांडेय पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी है। 

एनएच 74 चौड़ीकरण मुआवजा प्रकरण पर सरकार ने बुधवार को एसआइटी को आइएएस अधिकारी पंकज कुमार पांडेय पर अभियोजन चलाने की अनुमति दी थी। इसके साथ ही उन पर मुकदमा दर्ज करने का रास्ता भी साफ हो गया था। दरअसल, इससे पहले शासन ने डीओपीटी से आइएएस अधिकारी पर अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी थी।

इस पर डीओपीटी ने इससे संबंधित दस्तावेज तलब किए। इनमें एसआइटी की जांच रिपोर्ट का अंग्रेजी अनुवाद भी देने को कहा गया। इस पर शासन ने जांच के अंग्रेजी अनुवाद के साथ ही शासन में की गई जांच की प्रति डीओपीटी को सौंप दी।

इसके अलावा शासन को प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी है। सूत्रों की मानें तो सरकार को डीओपीटी से भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए अनुमति की जरूरत थी। इसके लिए अनुमति मांगी भी गई। इसके बाद डीओपीटी ने दस्तावेज तलब किए तो शासन ने उन्हें वह उपलब्ध करा दिए। शासन ने इसके बाद अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए दस्तावेजों की कूट रचना, अधिकारों का गलत इस्तेमाल तथा धोखाधड़ी की नीयत से काम करने आदि मामलों में आइएएस अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी है। इस संबंध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह का कहना है कि डीओपीटी ने जो तथ्य मांगे थे, वे उन्हें उपलब्ध करा दिए गए हैं। सरकार ने अभियोजन के लिए मंजूरी दे दी है। अब एसआइटी इस मामले में एफआइआर दर्ज कराएगी।

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