पेयजल की मांग को लेकर जुलूस निकाल किया प्रदर्शन, अनदेखी का लगाया आरोप

कृष्णा नगर कॉलोनी में पेयजल समस्या का अबतक भी समाधान नहीं हो पाया है। कॉलोनी के लोगों का धरना अब भी जारी है। उन्होंने सोमवार को नगर में जुलूस निकाला।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 04:25 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 04:25 PM (IST)
पेयजल की मांग को लेकर जुलूस निकाल किया प्रदर्शन, अनदेखी का लगाया आरोप
पेयजल की मांग को लेकर जुलूस निकाल किया प्रदर्शन, अनदेखी का लगाया आरोप

ऋषिकेश, जेएनएन। ऋषिकेश की कृष्णा नगर कॉलोनी में पेयजल समस्या का अबतक भी समाधान नहीं हो पाया है। कॉलोनी के लोगों का धरना अब भी जारी है। उन्होंने सोमवार को नगर में जुलूस निकाला। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम का ध्यान रखा गया। लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।   

दरअसल, आइडीपीएल से सटी कृष्णा नगर कॉलोनी में पेयजल योजना की मांग को लेकर 13 दिन से आंदोलन कर रहे जन कल्याण समिति के सदस्यों ने नगर में जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। जल संस्थान कार्यालय के समक्ष एक जुलाई से जन कल्याण समिति कृष्णा नगर कॉलोनी के बैनर तले स्थानीय नागरिक धरना दे रहे हैं। इनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए। 13 दिन बीतने के बाद भी प्रशासन और विभाग ने इनकी सुध नहीं ली है। 

प्रदर्शन और जुलूस के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सभी लोगों ने प्रशासन और विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। समिति के मुख्य संरक्षक डॉ बीएन तिवारी के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया। प्रदर्शन में योगेंद्र कुमार सैनी, राम वृक्ष तिवारी, गुलाब वर्मा, जीत बहादुर थापा, रामकेवल, भरत सिंह साह, बबलू पांडे, लक्ष्मी देवी, निशा, अमरावती आदि शामिल हुए।

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गन्ना आयुक्त कार्यालय का किया घेराव 

गन्ना आयुक्त और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से सोमवार को गन्ना आयुक्त कार्यालय का घेराव किया गया। इन दोनों विभागों में कुछ पदों पर पदोन्नति होने पर संतोष व्यक्त किया गया, लेकिन कई पदों पर पदोन्नति न होने को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की गई। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह, कार्यकारी महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट, जिलाध्यक्ष चौधरी ओमवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों से मुलाकात कर कर्मचारियों की समस्याओं को उनके सामने रखा और कहा कि शासनादेश होने के बाद भी पदोन्नति में हो रहे विलंब से कर्मचारियों के बीच नाराजगी बढ़ती जा रही है। अगर 31 जुलाई तक पदोन्नति नहीं दी गई तो इसे लेकर वृहद स्तर पर आंदोलन किया जा सकता है।

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