देहरादून में प्रवेश गेट तोड़ने पहुंची नगर निगम टीम का हुआ विरोध, हंगामा

बिना अनुमति बनाए गए प्रवेश गेट को तोडऩे पहुंची नगर निगम की टीम का स्थानीय निवासियों ने जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि प्रवेश गेट सुरक्षा के लिहाज से बनाए गए हैं जबकि निगम का कहना था कि बिना अनुमति ऐसा नहीं किया जा सकता।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 03:33 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 03:33 PM (IST)
देहरादून में प्रवेश गेट तोड़ने पहुंची नगर निगम टीम का हुआ विरोध, हंगामा
बिना अनुमति बनाए गए प्रवेश गेट को तोड़ने पहुंची नगर निगम की टीम का स्थानीय निवासियों ने जमकर विरोध किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। बिना अनुमति बनाए गए प्रवेश गेट को तोड़ने पहुंची नगर निगम की टीम का स्थानीय निवासियों ने जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि प्रवेश गेट सुरक्षा के लिहाज से बनाए गए हैं, जबकि निगम का कहना था कि बिना अनुमति ऐसा नहीं किया जा सकता। भारी विरोध के बीच पुलिस फोर्स की मौजूदगी में निगम टीम ने एक गेट तोड़ दिया, लेकिन दूसरा गेट तोड़ने में लोग फिर आड़े आ गए। निगम ने दूसरा गेट तोड़ने के लिए स्थानीय जन को तीन दिन का समय दिया है।

मामला जीएमएस रोड स्थित दशमेशपुरी और नेहरू विहार कालोनी का है। गत दिनों नगर निगम को यहां अतिक्रमण किए जाने व प्रवेश गेट बनाने की शिकायत मिली थी। बताया गया कि कुछ स्थानीय निवासियों ने बिना प्रशासन व नगर निगम से मंजूरी लिए यहां प्रवेश गेट बना दिए और आम निकासी के लिए रास्ता बंद कर दिया। गेट पर सुरक्षा कर्मी भी तैनात कर दिए गए। शिकायत पर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने तत्काल भूमि अनुभाग की टीम को जांच कर अवैध निर्माण तोड़ने के निर्देश दिए थे। निगम टीम ने एक रोज पहले जांच की तो मामला सही पाया।

इस पर गुरूवार को भूमि अधीक्षक विनय प्रताप के निर्देशन में नगर निगम की प्रवर्तन टीम जेसीबी लेकर वहां पहुंची और गेट तोड़ने लगी। निगम टीम को देख काफी संख्या में कालोनी के लोग एकत्र हो गए व विरोध करने लगे। निगम अधिकारी व लोग आपस में काफी देर उलझते रहे और काफी हंगामा हुआ। इस पर निगम अधिकारियों ने पुलिस बुला ली।

पुलिस ने अतिक्रमण करने वालों को काबू में किया और निगम टीम ने एक गेट ध्वस्त कर दिया। वहीं, कार्रवाई के दौरान जब निगम अधिकारियों ने अतिक्रमण करने वालों पर मुकदमा कराने की चेतावनी दी तो स्थानीय निवासियों के तेवर नरम पड़ गए। उन्होंने दूसरा गेट खुद तोड़ने की बात कही और तीन दिन की मोहलत मांगी। यह मोहलत दे दी गई।

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