उत्तराखंड में कोरोना पर लगा ब्रेक, पर वायरल फीवर की गिरफ्त में आ रहे लोग; ऐसे करें बचाव

तेज धूप और तेज बारिश के चलते मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के बीच वायरल बुखार के मरीज बढ़े हैं। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय जिला चिकित्सालय संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर व तमाम निजी अस्पतालों में वायरल के मरीजों की संख्या कुल ओपीडी की 25 फीसदी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 09:57 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 09:57 PM (IST)
उत्तराखंड में कोरोना पर लगा ब्रेक, पर वायरल फीवर की गिरफ्त में आ रहे लोग; ऐसे करें बचाव
उत्तराखंड में कोरोना पर लगा ब्रेक, पर वायरल फीवर की गिरफ्त में आ रहे लोग।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार पर अब ब्रेक लग गया है। कोरोना के लिहाज से अब कर सर्वाधिक प्रभावित रहे दून में भी कुछ वक्त से मरीजों का ग्राफ गिरता जा रहा है। पर तेज धूप और तेज बारिश के चलते मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के बीच वायरल बुखार के मरीज बढ़े हैं। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय, (कोरोनेशन अस्पताल), संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर व तमाम निजी अस्पतालों में वायरल के मरीजों की संख्या कुल ओपीडी की 25 फीसदी है।

बदलते मौसम की वजह से लोग को परेशानियों का स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। वायरल बुखार ने बच्चों से लेकर बड़ों को शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है। सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी मरीज बढ़े हैं। जिनकी चिकित्सक एहतियातन डेंगू, मलेरिया और कोरोना की भी जांच करा रहे हैं। गांधी शताब्दी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार के मुताबिक फिलवक्त वायरल बुखार, पेट में दिक्कतों को लेकर मरीज ज्यादा आ आ रहे हैं। बदन दर्द, जुकाम जैसी भी समस्याएं हैं।

इनकी डेंगू, मलेरिया, एलएफटी, केएफटी समेत कोरोना जांच भी कराई जा रही हैं। वहीं दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डा. केसी पंत कहते हैं कि ओपीडी में मेडिसन, ऑर्थो एवं स्किन में सबसे ज्यादा मरीज दिखाने आ रहे हैं। जांच की संख्या भी बढ़ी है। कुछ वक्त पहले तक 700-900 मरीज ओपीडी में आ रहे थे। अब मरीजों की संख्या 1300 से ऊपर पहुंच रही है। वहीं, 1200 से ज्यादा लोग जांच करा रहे हैं।

बीमारियों से करें बचाव

-घर के आसपास साफ-सफाई रखें

-बासी भोजन और बाजार से खुली चीजें खाने से परहेज करें।

-गुनगुने पानी का सेवन करें।

-मच्छरों से बचने का उपाय करें।

-बच्चों का खास ख्याल रखें।

-उन्हें हल्का खाना दें और बारिश में न भीगने दें।

-खाने को ढककर रखें।

-शरीर में पानी की कमी न होने दें।

-मक्का, चना, बेसन, नीम, करेला आदि का सेवन करना चाहिए।

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