मौसम का मिजाज न कर दे तबीयत नासाज, रखें अपना ख्याल
बदलते मौसम में बीमारियां भी पकड़ने लगी हैं। मौसम के इस मिजाज से कई वायरस सक्रिय हो रहे हैं और कोल्ड फ्लू लंग इन्फेक्शन समेत अन्य बीमारियां लोगों को चपेट में ले रही हैं।
देहरादून, जेएनएन। इन दिनों मौसम साफ है और दिन में चटख धूप खिलने से पारा भी चढऩे लगा है। बदलते मौसम में बीमारियां भी पकड़ने लगी हैं। मौसम के इस मिजाज से कई प्रकार के वायरस सक्रिय हो रहे हैं और कोल्ड, फ्लू, लंग इन्फेक्शन समेत अन्य बीमारियां लोगों को चपेट में ले रही हैं। ऐसे में अस्पतालों में भी मरीजों का दबाव बढ़ने लगा है।
जनवरी में बारिश और बर्फबारी के आलम के बाद फरवरी के पहले पखवाड़े में ही मौसम शुष्क हो गया है। हालांकि, सुबह और शाम के समय ठिठुरन बरकरार है, लेकिन दिन में चटख धूप अभी से चुभने लगी है। यही मौसम अब सेहत को नासाज करने लगा है। सर्दी और गर्मी के इस उतार-चढ़ाव में कई प्रकार के वायरस सक्रिय हो गए हैं और तरह-तरह की बीमारियां लोगों को जकड़ने लगी हैं। दिन में गर्मी के कारण अब गर्म कपड़े भी पैक होने लगे हैं।
चिकित्सकों की मानें तो गर्म कपड़े न पहनने पर ये वायरस लोगों को आसानी से चपेट में ले लेते हैं। ऐसे में दिन में गर्मी महसूस होने के बावजूद डॉक्टर गर्म कपड़े पहने रखने की सलाह दे रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में भी इन दिनों मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा हैं। बच्चे और बूढ़ों को सीजनल बीमारियां आसानी से गिरफ्त में ले रही हैं। बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है।
ये हैं सामान्य बीमारियां
प्रवीन पंवार (वरिष्ठ फिजिशियन, गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय) का कहना है कि मौसम परिवर्तन के दौरान फरवरी और मार्च की शुरुआत में कुछ सामान्य बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। इस दौरान बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पीने का पानी भी साफ होना चाहिए और अधिक ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। सुबह शाम गर्म कपड़े पहनने के साथ ही सिर को भी ढककर रखना चाहिए। खांसी, कोल्ड व फ्लू होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।
सर्दी, जुकाम, बुखार को हल्के में ना लें
स्वामी नारायण मिशन सोसाइटी की ओर से खदरी खडृकमाफ श्यामपुर में शिविर आयोजित किया गया। इसमें मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दिया गया। स्वाइन फ्लू से बचाव के तरीके भी बताए गए।
इस अवसर पर मिशन के अध्यक्ष स्वामी डॉक्टर नारायण दास ने कहा कि स्वाइन फ्लू संक्रमण में छींक, मलेरिया की तरह ठंडी लगकर बुखार, हड्डियों में भयानक दर्द,भूख न लगना, रक्त की कमी, प्लेटलेट्स का कम हो जाना, ईएसआर का बढ़ जाना एवं सर्दी-जुकाम आदि होता है। सर्दी जुकाम व बुखार को साधारण नहीं समझना चाहिए। सर्दी, जुकाम व बुखार जानलेवा साबित हो सकते हैं। यह लक्षण मिलते ही रोगी को किसी अच्छे होम्यो चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।
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उन्होंने बताया कि उक्त लक्षण मिलते ही पूर्व निवारक उपाय के रूप में गुनगुने नमक पानी से गरारा करना एवं भाप (उबले पानी का वाष्प) लेना चाहिए तथा तुलसी अदरक काली मिर्च एवं गुड को अच्छी तरह उबालकर इससे बने अर्क को चाय की तरह गरम-गरम पीना चाहिए। इस शिविर में विवेक रावत, संजय शर्मा, विनोद रावत एवं धनपाल सिंह रावत आदि अन्य स्वयं सेवक उपस्थित थे।
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