उत्तराखंड में PCS अधिकारियों ने उठाया पदोन्नति का मुद्दा, कहा- राज्य बनने के बाद से अब तक नहीं हुई कार्यवाही

उत्तराखंड सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) की 13 सूत्रीय मांगों को लेकर पीसीएस अधिकारियों ने कार्मिक सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से बुधवार को मुलाकात की। उन्होंने 7600 ग्रेड वेतन में कार्यरत अधिकारियों को पदोन्नत करने की मांग भी की।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 01:18 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 01:18 PM (IST)
उत्तराखंड में PCS अधिकारियों ने उठाया पदोन्नति का मुद्दा, कहा- राज्य बनने के बाद से अब तक नहीं हुई कार्यवाही
उत्तराखंड में PCS अधिकारियों ने उठाया पदोन्नति का मुद्दा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) की 13 सूत्रीय मांगों को लेकर पीसीएस अधिकारियों ने कार्मिक सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से बुधवार को मुलाकात की। उन्होंने 7600 ग्रेड वेतन में कार्यरत अधिकारियों को पदोन्नत करने की मांग की। उत्तराखंड पीसीएस एसोसिएशन की कार्यकारी शाखा के पदाधिकारियों ने कार्मिक सचिव को सौंपे ज्ञापन में कहा कि राज्य बनने के बाद से उनके प्रकरण पर शासन ने कार्यवाही नहीं की है।

कार्यकारी शाखा के सेवा संबंधी विभिन्न प्रकरणों को लेकर लगातार प्रत्यावेदन दिए गए हैं। इससे इस शाखा के सदस्य खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकारी शाखा वेतन बैंड लेवल-13 और लेवल-13ए में रिक्त पदों पर प्रांतीय सेवा के लेवल-12 यानी ग्रेड वेतन 7600 में कार्यरत समस्त अधिकारियों को प्रोन्नति दी जानी चाहिए। उन्होंने वेतन बैंड लेवल-12 में रिक्त होने वाले पदों पर संवर्ग के समुचित प्रबंधन के लिए लेवल-11 के अधिकारियों को प्रोन्नति देने की पैरवी की।

ज्ञापन में कहा गया कि प्रांतीय सिविल सेवा कार्यकारी शाखा से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में वर्ष 2013 के बाद से प्रोन्नति इंडक्शन नहीं हो पाया है। प्रांतीय सिविल सेवा के कोटे से प्रोन्नति के पदों को जल्द भरा जाना चाहिए। वरिष्ठता सूची शीघ्र जारी करने और पांच साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने वाले कार्यकारी शाखा के सदस्यों को ग्रेड वेतन 6600 देने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि प्रवेश डंडरियाल पीसीएस-अर्हकारी सेवा पूरी करने के बावजूद बगैर सेवा लाभ के सेवानिवृत्त हो गए।

इसीतरह पीसीएस मनमोहन रावत भी पदोन्नति के बगैर सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। संघ ने कहा कि आइपीएस व आइएफएस संवर्गों में आवश्यकता से अधिक पदों को रखने के कारण उच्चतर वेतनमान के ये अधिकारी निम्नतर वेतनमान पर कार्यरत हैं। ये अधिकारी आइएएस व अन्य संवर्गों के पदों पर तैनाती ले रहे हैं। इससे जिला स्तर पर प्रशासनिक कठिनाई पेश आ रही है। उन्होंने पीसीएस संवर्ग के पदों पर भी अन्य संवर्गों के अधिकारियों की तैनाती पर सवाल दागे। बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था के लिए पीसीएस काडर में संशोधन पर जोर दिया गया है। कार्यकारी शाखा के अधिकारियों ने विभिन्न प्राधिकरणों व निगमों में तैनात पीसीएस अधिकारियों की भूमिका को विभागों में अत्यंत सीमित करने पर आपत्ति जताई।

उन्होंने कहा कि आइएएस संवर्ग के विभागाध्यक्ष के बाद पीसीएस संवर्ग के अधिकारियों की भूमिका रखी जानी चाहिए। इससे शासन का प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण इन उपक्रमों में हो सकेगा। पीसीएस अधिकारियों को कैंप सहायक, फालोवर और अर्दली की सुविधा देने की मांग की गई। साथ ही केंद्रीय सेवा की भांति एसीआर की आनलाइन व्यवस्था लागू करने की पैरवी की गई। पीसीएस अधिकारियों की संयुक्त कोटिक्रम सूची अविलंब जारी कर उसके आधार पर फील्ड में तैनाती की मांग भी की गई। ज्ञापन देने वालों का प्रतिनिधित्व संघ के अध्यक्ष ललित मोहन रयाल व महासचिव हरक सिंह रावत ने किया।

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