उत्तराखंड कांग्रेस में गिले-शिकवे दूर कर एकता पर जोर

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में उपाध्यक्षों की बैठक में बड़े नेताओं के अपनी ढपली अपना राग अलापने का मुद्दा जमकर उठा। साथ ही भाजपा की चुनौती से निपटने को एकता का राग अलापा।

By Edited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 03:01 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 11:16 AM (IST)
उत्तराखंड कांग्रेस में गिले-शिकवे दूर कर एकता पर जोर
उत्तराखंड कांग्रेस में गिले-शिकवे दूर कर एकता पर जोर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने भाजपा से मिल रही बड़ी चुनौती को भांपकर एकजुटता का राग अलापा। बैठक में कांग्रेस नेताओं की लैटर डिप्लोमेसी पर चर्चा हुई तो गिले-शिकवे रखे गए। अनुशासनहीनता को लेकर प्रदेश प्रभारी की चिट्ठी, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम को लिखी पाती तो सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की हर रोज अपनी बात का मुद्दा भी गूंजा। इशारों में एकदूसरे को नसीहत भी दी गईं। 

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हरीश रावत को वरिष्ठ और तजुर्बेकार नेता बताते हुए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए सहयोग मांगा तो बैठक की सीरत एकदम बदल गई। भाजपा को उखाड़ फेंकने को एकजुट होने का संकल्प लिया गया। 

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में उपाध्यक्षों की बैठक में बड़े नेताओं के अपनी ढपली अपना राग अलापने का मुद्दा जमकर उठा। खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष का जिम्मा सौंपा है। ऐसे में उन्हें सभी का सहयोग लाजिमी मिलना चाहिए। संगठन की मजबूती के बगैर कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी मुमकिन नहीं होगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर अगर कुछ लिखते हैं तो वह पार्टी के हित में होता है। 

पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी उन्हें उपेक्षित किए जाने का दुख बयां किया। एक वक्ता के वनाधिकार को उनका एजेंडा बताने पर उन्होंने सफाई दी कि वह भी कांग्रेस के सिपाही हैं। उनका एजेंडा पार्टी का एजेंडा है। प्रीतम को लिखी पाती पर उन्होंने कहा कि यह पाती बाहर कैसे आई, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। 

प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि सभी कार्यकर्ता चाहते हैं कि राज्य की पूरी लीडरशिप एक होकर जनता की लडाई लड़े। उपाध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, जोत सिंह बिष्ट व विजयपाल सजवाण ने मिशन 2022 के लिए एकजुट होने की पुरजोर पैरवी की। 

वक्ताओं ने लैटर डिप्लोमेसी या सोशल मीडिया के बजाय पार्टी फोरम पर बात रखने पर जोर दिया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने गुटीय खींचतान से बचने और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को प्रदेश में कांग्रेस परिवार का वरिष्ठ सदस्य बताते हुए पार्टी का प्रभाव बढ़ाने में उनसे सहयोग मांगा। बैठक में नेताओं ने अपना गुबार तो निकाला, लेकिन शब्दों की सीमा लांघने से गुरेज किया। 

नहीं है कोई गुटबाजी 

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में कोई गुटबाजी नहीं है, कांग्रेस को जहां जरूरत पड़ती है वहां हरीश रावत, इंदिरा हृदयेश और वह खुद लीड करते हैं। 2022 में पार्टी प्रदेश की सत्ता में वापसी करेगी। त्रिवेंद्र सरकार की विदाई तय है।

मेरी सक्रियता पार्टी हित में 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुताबिक, सोशल मीडिया पर मेरी सक्रियता पार्टी के हित में है, मेरा उद्देश्य किसी की उपेक्षा नहीं है, यदि मेरी बात को मीडिया में तवज्जो मिलती है तो यह भी पार्टी हित में ही है। पार्टी नेताओं को मिलजुलकर मतभेद सुलझाने चाहिए। 

तजुर्बेकार और वरिष्ठ नेता हैं हरीश 

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि हरीश रावत प्रदेश में कांग्रेस के तजुर्बेकार और वरिष्ठ नेता हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में उन्हें भूमिका निभानी चाहिए।

शारीरिक दूरी मानक की हुई अनदेखी

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश उपाध्यक्षों की बैठक के दौरान मंचासीन बड़े नेताओं ने सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक का पालन नहीं किया। इससे कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पार्टी नेताओं के रुख पर सवाल खड़े हो गए।  

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राजीव भवन के सभाकक्ष में आयोजित प्रदेश उपाध्यक्षों की बैठक के दौरान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय समेत तमाम नेता एकदूसरे के नजदीक बैठे रहे। इस दौरान सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक का पालन नहीं हुआ। अलबत्ता, कांग्रेस के तमाम नेता मुंह पर मास्क लगाए हुए रहे।

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