महासू-चालदा देवता मंदिर में परंपरागत तरीके से मनाया गया पांइता पर्व

रविवार को जौनसार के लखवाड़ और थैना स्थित महासू-चालदा देवता मंदिर में दशहरे के दिन पांइता पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। पांइता पर्व को मनाने के लिए क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं स्थानीय ग्रामीण मंदिरों में सुबह से ही जुटने लगे।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 02:09 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 02:09 PM (IST)
महासू-चालदा देवता मंदिर में परंपरागत तरीके से मनाया गया पांइता पर्व
जौनसार के लखवाड़ और थैना स्थित महासू-चालदा देवता मंदिर में दशहरे के दिन पांइता पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया।

विकासनगर (देहरादून), जेएनएन। रविवार को जौनसार के लखवाड़ और थैना स्थित महासू-चालदा देवता मंदिर में दशहरे के दिन पांइता पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। पांइता पर्व को मनाने के लिए क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं स्थानीय ग्रामीण मंदिरों में सुबह से ही जुटने लगे। इस दौरान जनजाति क्षेत्र के जौनसारी परंपरानुसार पांइता पर्व के मौके पर ग्रामीणों ने अस्त्र-शस्त्र की पूजा अर्चना की। 

पांइते में मंदिर के गर्भगृह से देव पालकी के बाहर आने पर देवता के दर्शन को  सैकड़ों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं ने लखवाड़ व थैना मंदिर में देवता की पूजा अर्चना कर देव पालकी को उठाया। ग्रामीणों ने अपने कुल आराध्य देवता से घर-परिवार एवं क्षेत्रवासियों की खुशहाली की कामना की। लंबे समय बाद पांइता पर्व के मौके पर स्थानीय ग्रामीण महिलाओं ने जौनसारी तांदी नृत्य की प्रस्तुति से देवता की स्तुति की।

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