दून अस्पताल की नई व्यवस्था से मरीज हलकान, बार-बार रिन्यू करवाना पड़ रहा ओपीडी पर्चा

देहरादून के दून मेडिकल कालेज अस्पताल की नई व्यवस्था से मरीज को परेशानी हो रही है। मरीजों को हर बार ओपीडी पर्चा बार-बार रिन्यू करवाना पड़ रहा है। इसका पैसा नहीं लग रहा है पर मरीज को लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:04 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:04 PM (IST)
दून अस्पताल की नई व्यवस्था से मरीज हलकान, बार-बार रिन्यू करवाना पड़ रहा ओपीडी पर्चा
दून मेडिकल कालेज अस्पताल की नई व्यवस्था से मरीज हलकान हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कालेज अस्पताल की नई व्यवस्था से मरीज हलकान हैं। उन्हें ओपीडी पर्चा बार-बार रिन्यू करवाना पड़ रहा है। वैसे अस्पताल के पर्चे की वैधता 15 दिन है। अभी तक की व्यवस्था में नया पर्चा एक पखवाड़े बाद ही बनता था। पर अब इससे पहले भी चिकित्सक को दोबारा दिखाने पर रिविजिट के तहत इसकी एंट्री करानी पड़ रही है। इसका पैसा नहीं लग रहा है, पर मरीज को लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन प्रभारी विनोद नैनवाल के अनुसार आजकल ओपीडी में ज्यादा भीड़ नहीं है। यदि भीड़ होती है तो रिविजिट वाले मरीजों की लाइन अलग कर दी जाती है। इस नई व्यवस्था से यह स्पष्ट हो जाता है कि फालोअप में कितने मरीज आए हैं। अस्पताल के पास इसका रिकार्ड रहता है। वहीं कई बार एक से ज्यादा चिकित्सक को दिखाने पर पर्चे पर जगह नहीं बचती। इससे यह दुविधा भी दूर हो गई है।

दूर नहीं हो रहा अव्यवस्था का 'मर्ज'

अस्पताल को लगा अव्यवस्था का 'मर्ज' दूर नहीं हो रहा है। चिकित्सक के इंतजार में दर्द से कराहते मरीज, इमरजेंसी में दलालों की बढ़ती सक्रियता,बेड को तरसती गर्भवती महिलाएं, चिकित्सीय जांच के लिए लंबा इंतजार, यहां बदइंतजामी की तस्वीर पेश करते हैं। वहीं फुट ओवर ब्रिज न बनने के कारण मरीजों को पुराने से नए ओपीडी भवन में आने-जाने में मुसीबत झेलनी पड़ रही है। सोमवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दिया। सुभाषनगर निवासी कमल कुमार कुछ दिन पहले स्कूटी से गिरकर घायल हो गए थे। चिकित्सकों ने पैर में फ्रैक्चर होने के कारण कच्चा प्लास्टर चढ़ाया था।

उन्हें पक्का प्लास्टर चढ़ाने के लिए बुलाया गया था। पहले वह पुरानी बिल्डिंग में गए, जहां बताया गया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ नए ओपीडी भवन में हैं। तब स्वजन उन्हें नए ओपीडी भवन ले गए। काफी देर तक मरीज को व्हील चेयर में बैठाकर स्वजन अस्पताल परिसर में खड़े रहे।

वाहनों की बेतरतीब पार्किंग और भीड़ होने के कारण कई देर तक उन्हें आसानी से कोई वाहन नहीं मिला। इस पर कहीं से ई रिक्शा लाकर उन्होंने मरीज को बैठाया और घर के लिए चले गए। वहीं, इस दौरान मरीजों के स्ट्रेचर पर सामान ढोए जाने पर लोग भी नाराज दिखाई दिए।

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