उत्तराखंड में उद्योगों की राह हुई सुगम, साढ़े सात मीटर में भी खड़ी हो सकेगी इकाई
उद्योगों की राह सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। अब पहले की अपेक्षा कम चौड़े पहुंच मार्गों पर भी औद्योगिक इकाइयों का निर्माण किया जा सकेगा। इसके लिए सीडा (स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी) के बायलाज (उपविध) में संशोधन किया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट ने उद्योगों की राह सुगम बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। अब पहले की अपेक्षा कम चौड़े पहुंच मार्गों पर भी औद्योगिक इकाइयों का निर्माण किया जा सकेगा। इसके लिए सीडा (स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी) के बायलाज (उपविध) में संशोधन किया गया है।
राज्य कैबिनेट के निर्णय के मुताबिक पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयां 7.5 मीटर चौड़े पहुंच मार्ग पर भी खड़ी की जा सकेंगी। पहली मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई नौ मीटर थी। इसी तरह मैदानी क्षेत्रों में मार्ग की चौड़ाई 12 मीटर से घटाकर नौ मीटर की गई है। भूखंडों के न्यूनतम आकार में भी सरकार ने मानकों में ढील दी है। पहले पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगिक इकाई के लिए भूखंड का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर था, जिसे अब 200 वर्गमीटर कर दिया गया है। मैदानी क्षेत्रों में भूखंड का मानक 450 वर्गमीटर से घटाकर 300 वर्गमीटर किया गया।
अब औद्योगिक इकाई के भवन निर्माण में अधिक क्षेत्रफल पर निर्माण किया जा सकेगा। इसके लिए कवर्ड एरिया कुल भूखंड का 55 से 65 फीसद होगा। पूर्व में भूखंड के क्षेत्रफल के मुताबिक 40 से 60 फीसद को ही कवर किया जा सकता था।
काटेज और माइक्रो उद्योगों को अधिक लाभ
राज्य सरकार ने घरेलू काटेज व माइक्रो उद्योगों की श्रेणी में अधिक लाभ दिया है। इस तरह के निर्माण में पहुंच मार्ग का मानक पर्वतीय क्षेत्रों में महज छह मीटर व मैदानी क्षेत्रों में नौ मीटर किया गया है। इसके अलावा भवनों की ऊंचाई, कवर्ड एरिया, पार्किंग, सेटबैक, चहारदीवारी आदि के मानकों में भी राहत दी गई है।
दून की उन्नति ने लेबनान में जीता रजत पदक
लेबनान में आयोजित एशिया ओशिनिया जूडो चैंपियनशिप में दून निवासी उन्नति शर्मा ने अंडर-63 भार वर्ग में रजत पदक अपने नाम किया है। दून के डिफेंस कालोनी निवासी उन्नति शर्मा वर्तमान में कर्नाटक के जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में जूडो का प्रशिक्षण ले रही हैं। वह 2018 में एशियन कामनवेल्थ चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
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