फीस बढ़ोतरी के विरोध में अभिभावकों ने स्कूल का किया घेराव, पढ़ि‍ए पूरी खबर

फीस वसूली की छूट मिलने के बाद से निजी स्कूलों की मनमानियों के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को शिमला बाईपास कारबारी स्थित न्यू एरा एकेडमी में अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 08:35 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 10:40 PM (IST)
फीस बढ़ोतरी के विरोध में अभिभावकों ने स्कूल का किया घेराव, पढ़ि‍ए पूरी खबर
शुक्रवार को फीस बढ़ोतरी के विरोध में न्यू एरा एकेडमी के गेट पर विरोध जताते अभिभावक।

जागरण संवाददाता, देहरादून। फीस वसूली की छूट मिलने के बाद से निजी स्कूलों की मनमानियों के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को शिमला बाईपास, कारबारी स्थित न्यू एरा एकेडमी में अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने कहा कि स्कूल ने पिछले साल सरकार के आदेशों के खिलाफ फीस बढ़ोतरी की और इस साल भी हर कक्षा में फीस बढ़ाई है। वहीं वार्षिक फीस में भी कई गुना बढ़ोतरी की है। अभिभावकों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग से भी की है।

शुक्रवार सुबह न्यू एरा एकेडमी के गेट पर फीस बढ़ोतरी के खिलाफ आवाज उठाने पहुंचे अभिभावकों की भीड़ इकट्ठा हो गई। एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल प्रशासन कई दिन से अभिभावकों को स्कूल आकर लॉकडाउन के दौरान की बकाया फीस जमा करने को मैसेज भेज रहा था। स्कूल ने पूरी फीस जमा करने के बाद ही बच्चे को नई कक्षा में दाखिला देने की बात कही गई है। इनमें ऐसे अभिभावक भी शामिल हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी नौकरी और व्यवसाय गंवा दिया। अभिभावक हरीश ने बताया कि स्कूल ने छोटी कक्षा में 200 और बड़ी कक्षाओं के लिए 600 रुपये तक मासिक फीस बढ़ा दी है। वहीं खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों समेत अन्य चीजों की फीस भी अलग से वसूली जा रही है। इसके ऊपर वार्षिक फीस भी कई गुना बढ़ा दी गई है। फीस जमा करने में असमर्थ अभिभावकों के बच्चों का परिणाम तक जारी नहीं किया जा रहा। गेट पर कई देर हुए हंगामे के बाद स्कूल प्रशासन ने कुछ अभिभावकों से इस संबंध में अपने दफ्तर में बात की। अभिभावकों ने स्कूल से सभी बढ़ी हुई फीस वापस लेने की मांग की है।

- शिव सिंह रावत (प्रिंसिपल, न्यू एरा एकेडमी) ने कहा कि स्कूल प्रशासन ने पांच साल बाद वार्षिक फीस में मामूली बढ़ोतरी की है। पिछले साल लॉकडाउन में कोई फीस नहीं बढ़ाई गई। कक्षावार फीस में भी मामूली बढ़ोतरी तीन साल बाद नियमानुसार की गई है। कुछ अभिभावकों ने इस पर आपत्ति जताई है, लेकिन कई अभिभावक ऐसे हैं जिन्होंने सालभर से फीस जमा नहीं की है। स्कूल संचालित करने के लिए फीस के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं। असमर्थ अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया जा रहा है।

-आशा रानी पैन्यूली (मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून) ने कहा कि कोई भी स्कूल असमर्थ अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव नहीं बना सकता, उन्हें फीस जमा करने के लिए पर्याप्त समय देना होगा। किसी भी छात्र का परिणाम रोकना, मनमानी से फीस बढ़ोतरी करना और छात्र पर मानसिक दबाव बनाना नियम विरुद्ध है। लिखित शिकायत मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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