लाखामंडल में देवरा के ग्रामीणों ने किया पांडव नृत्य

चकराता बुधवार को रंवाई क्षेत्र के देवरा से करीब 70 ग्रामीणों का जत्था पांडव नृत्य किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 01:29 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 01:29 AM (IST)
लाखामंडल में देवरा के ग्रामीणों ने किया पांडव नृत्य
लाखामंडल में देवरा के ग्रामीणों ने किया पांडव नृत्य

संवाद सूत्र, चकराता: बुधवार को रंवाई क्षेत्र के देवरा से करीब 70 ग्रामीणों का जत्था पांडव नृत्य के लिए प्राचीन शिव मंदिर लाखामंडल पहुंचा। गाजे-बाजे के साथ आए देवरा के ग्रामीणों का मंदिर समिति ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया। इस दौरान ग्रामीणों ने मंदिर परिसर में पांडव नृत्य कर भगवान शिव की आराधना की।

पांडव कालीन महत्व के प्राचीन शिव मंदिर लाखामंडल में प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए आते हैं। लाखामंडल में पांडव नृत्य का विशेष महत्व है। इसी कड़ी में बुधवार को रवांई घाटी से जुड़े पुरोला क्षेत्र के देवरा से कई ग्रामीण वाहन में सवार होकर पांडव नृत्य को लाखामंडल पहुंचे। खुद को पांडवों का वंशज मानने वाले यह ग्रामीण गाजे बाजे के साथ आए। इस दौरान इन ग्रामीण श्रद्धालुओं ने लाखामंडल के पास यमुना नदी में स्नान कर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। देवरा से आए शिव भक्तों का स्थानीय ग्रामीणों व मंदिर समिति ने लाखामंडल पहुंचने पर परंपरागत तरीके से स्वागत किया। मंदिर में पूजा-पाठ के बाद ढोल-दमाऊ के साथ देवरा के ग्रामीणों ने शिव मंदिर के पास पांडव नृत्य की प्रस्तुति से भगवान शिव की आराधना की। पांडव नृत्य के दौरान कई लोगों में देवता के भाव प्रकट हो गए। मंदिर में करीब आधे घंटे तक पांडव नृत्य की प्रस्तुति के बाद देवरा के ग्रामीण प्रसाद ग्रहण कर वापस घर लौट गए। देव आराधना को लाखामंडल आए इन ग्रामीणों ने परंपरा का निर्वहन करते हुए भगवान शिव से अपने घर-परिवार व क्षेत्रवासियों के खुशहाली की कामना की। इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष जिपं अमीचंद शाह, लोक गायक बाबूराम शर्मा, देवमाली सोवेंद्र सिंह, अनुज शर्मा, बचन सिंह, भूपेंद्र सिंह, भरत सिंह, रविद्र आदि मौजूद रहे।

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