हल्द्वानी,, ग्राम पंचायतों में मजबूत हो रहा विकास का ढांचा

ग्रामीण विकास की अवधारणों को बल देने के लिए विकास का पृथक व विशेष माडल जरूरी है। विशेषकर इस तरह का माडल समान भौगोलिक परिस्थितियों वाले हिमालयी राज्यों में एक साथ लागू किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 08:42 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 08:42 PM (IST)
हल्द्वानी,, ग्राम पंचायतों में मजबूत हो रहा विकास का ढांचा
हल्द्वानी,, ग्राम पंचायतों में मजबूत हो रहा विकास का ढांचा

जागरण संवाददाता, देहरादून: ग्रामीण विकास की अवधारणों को बल देने के लिए विकास का पृथक व विशेष माडल जरूरी है। विशेषकर इस तरह का माडल समान भौगोलिक परिस्थितियों वाले हिमालयी राज्यों में एक साथ लागू किया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान (हैदराबाद) ने लोक योजना अभियान शुरू किया है। इसके तहत आयोजित कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने बताया कि किस तरह ग्रामीण विकास को बल दिया जा सकता है।

सोमवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडे ने किया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के लिए शैक्षिक योग्यता का मानक तय किए जाने के बाद सुशिक्षित प्रतिनिधि भी पंचायतों को मिल रहे हैं। अब समय से धनराशि का व्यय भी होने लगा है और आनलाइन भुगतान किए जा रहे हैं। पंचायतों में पारदर्शिता बढ़ रही है और अब पंचायतों में विकास तेजी से हो पा रहा है। उत्तराखंड में पंचायतीराज अधिनियम में संशोधन किए जाने के बाद दो से अधिक संतान वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सभी तरह की जागरूकता भी बढ़ रही है।

मंत्री पाडे ने कहा कि विलेज एक्शन प्लान का गठन किए जाने के बाद जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल, हर घर नल की परिकल्पना भी साकार हो रही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी गांव अच्छा कर रहे हैं। वहीं, विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में किस तरह विकास कार्य किए जा सकते हैं और पर्वतीय क्षेत्रों में किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

इस अवसर पर सचिव पंचायतीराज नितेश झा, पंचायतीराज निदेशक चंद्र सिंह धर्मशक्तू, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी, उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी समेत हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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