उत्‍तराखंड : 78 ब्लाकों में पंचायतीराज के गुर सीख रहे पंचायत प्रतिनिधि

केंद्र पोषित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राज्य सेक्टर की प्रशिक्षण योजनाओं के तहत हरिद्वार और अल्मोड़ा को छोड़ राज्य के शेष जिलों के 78 ब्लाकों में ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य पंचायतीराज के गुर सीख रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 09:10 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 09:10 AM (IST)
उत्‍तराखंड : 78 ब्लाकों में पंचायतीराज के गुर सीख रहे पंचायत प्रतिनिधि
78 ब्लाकों में पंचायतीराज के गुर सीख रहे पंचायत प्रतिनिधि।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। केंद्र पोषित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राज्य सेक्टर की प्रशिक्षण योजनाओं के तहत हरिद्वार और अल्मोड़ा को छोड़ राज्य के शेष जिलों के 78 ब्लाकों में ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य पंचायतीराज के गुर सीख रहे हैं। सचिव पंचायतीराज एचसी सेमवाल के अनुसार पंचायत प्रतिनिधियों की क्षमता वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेशभर में पहली बार एक साथ ये प्रशिक्षण हो रहे हैं। जल्द ही न्याय पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत सदस्यों के प्रशिक्षण का क्रम शुरू किया जाएगा।

पंचायतीराज विभाग के तत्वावधान में चल रहे प्रशिक्षण के तहत ब्लाक मुख्यालयों में ग्राम प्रधानों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ ही रेखीय विभागों के ब्लाक स्तरीय अधिकारियों एवं कार्मिकों को भी पंचायतीराज से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हरिद्वार में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने और अल्मोड़ा में विधानसभा की सल्ट सीट के उपचुनाव के मद्देनजर यह मुहिम शुरू नहीं हो पाई है।

सचिव पंचायतीराज सेमवाल ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान पंचायतीराज की संवैधानिक व्यवस्था, पंचायतीराज एक्ट, अधिप्राप्ति नियमावली, वित्तीय नियम व लेखा परीक्षा प्रणाली, केंद्र व राज्य सरकार की ग्रामीण विकास पर केंद्रित योजनाएं, समाज कल्याण की योजनाएं, ई-पंचायत, ई-ग्राम स्वराज, पीएफएमएस, डीबीटी, जैवविविधता, सेवा का अधिकार, सीएम हेल्पलाइन, ग्राम पंचायत विकास योजना, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन समेत अन्य विषयों की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही है। इसके साथ ही पंचायत प्रतिनिधियों को उनके अधिकार, दायित्व आदि से संबंधित पुस्तिकाएं भी वितरित की जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों के लिए सितंबर अथवा अक्टूबर में रिफ्रेशर कार्यक्रम भी आरंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से पंचायत प्रतिनिधि विभिन्न जानकारियों से लैस होंगे, जिससे वे पंचायतों के विकास के लिए प्रभावी ढंग से खाका खींच सकेंगे।

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