63 फीसद ग्रामीण परिवारों की मासिक आय 5000 से कम, पढ़िए पूरी खबर
कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी बहुत सशक्त नहीं है। वहां के गांवों में 62.83 फीसद परिवारों की मासिक आय पांच हजार रुपये से कम है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी बहुत सशक्त नहीं है। वहां के गांवों में 62.83 फीसद परिवारों की मासिक आय पांच हजार रुपये से कम है। 19.78 फीसद परिवारों की मासिक आय पांच से 10 हजार और 17.39 फीसद की 10 हजार रुपये से अधिक है। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की ओर से इस जिले में पलायन कम करने संबंधी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। आयोग ने पिथौरागढ़ के गांवों से पलायन थामने के मद्देनजर कई सिफारिशें व सुझाव दिए हैं।
पलायन आयोग ने पिथौरागढ़ जिले के गांवों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति के साथ ही तमाम पहलुओं पर सर्वे किया। गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी ने यह सर्वे रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन रोकने को जिन जिलों में सर्वे हो चुका है, वहां भविष्य की कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही रिवर्स माइग्रेशन की संभावनाओं को आधार तैयार किए जाएं। उन्होंने पलायन प्रभावित जिलों के विभागवार संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने, इन क्षेत्रों के विकास को गहन अध्ययन करने पर भी जोर दिया।
आयोग के सुझाव
-पिथौरागढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व सिंचाई सुविधा पर हो फोकस
-कृषि बागवानी में जलवायु परिस्थितियों को रखा जाए ध्यान में
-योजनाओं और उनके क्रियान्वयन को सामाजार्थिक उत्थान व ग्रामीण विकास को अपनाएं महिला केंद्रित दृष्टिकोण
-उन्नत कृषि, प्रौद्योगिकी, खाद्य फल प्रसंस्करण, डेयरी, दुग्ध उत्पाद प्रसंस्करण, आतिथ्य में कौशल विकास पर जोर
-ग्रामीण इलाकों में पलायन रोकने को ग्रोथ सेंटर की स्थापना हो ध्यान केंद्रित
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ये की गई सिफारिशें
-मनरेगा में महिलाओं के कौशल विकास को प्राथमिकता मिले
-वन्यजीवों से फसल सुरक्षा को बने ठोस कार्ययोजना
-आजीविका विकास को स्वयं सहायता समूहों को दें बढ़ावा
-होटल, रिसार्ट, गेस्ट हाउस के लिए स्थापित हो सीधी श्रृंखला
-सभी ब्लाकों में हो कृषि का विविधीकरण
-किसान समूहों, नर्सरियों को मिले बढ़ावा
-क्षेत्र में बकरीपालन, मुर्गीपालन व चारा विकास को बढ़ावा देने की जरूरत
-स्थानीय उत्पादों को होटल उद्योग के साथ जोड़ा जाए
-होम स्टे का हो समान वितरण, होम स्टे के साथ ट्रैकिंग जैसी गतिविधियां जुड़ें
-पिथौरागढ़ के लिए नियमित वाणिज्यिक हवाई उड़ानें हों शुरू
-एमएसएमई को बढ़ावा देने को बने ब्लाकवार योजना
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