पर्वतीय क्षेत्रों में आक्सीजन की आपूर्ति होगी सुनिश्चित

प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से तैयारियों में जुट गई है। विशेष फोकस पर्वतीय क्षेत्रों पर है। यहां आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार आक्सीजन सिलिंडर और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर की आपूर्ति जारी है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:10 AM (IST)
पर्वतीय क्षेत्रों में आक्सीजन की आपूर्ति होगी सुनिश्चित
प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से तैयारियों में जुट गई है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से तैयारियों में जुट गई है। विशेष फोकस पर्वतीय क्षेत्रों पर है। यहां आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार आक्सीजन सिलिंडर और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर की आपूर्ति की जा रही है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेज रही थी। इस दौरान स्थिति यह हो गई थी कि अस्पतालों में आक्सीजन बेड की कमी पड़ गई। पर्वतीय जिलों में पहले से ही आक्सीजन बेड कम होने के कारण संक्रमित मैदानी क्षेत्रों, यानी देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के अस्पतालों में आ रहे थे। इस कारण इन अस्पतालों पर लोड बढ़ गया। अस्पतालों में आक्सीजन बेड की कमी को देखते हुए स्वजन ने अपने मरीजों को घर पर ही आक्सीजन देनी शुरू कर दी। इससे बाजार में आक्सीजन की कमी हो गई। इस दौरान आक्सीजन की कालाबाजारी की शिकायतें भी सामने आईं। अब कोरोना संक्रमण कुछ कम हुआ है लेकिन विशेषज्ञ तीसरी लहर के आने की आशंका जता रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने अभी से सभी जिलों में आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए काम शुरू कर दिया है। अधिकांश जिला अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। इसके साथ ही फोकस अब पर्वतीय जिलों पर किया गया है। यहां आक्सीजन की आपूर्ति आक्सीजन सिलिंडर के जरिये करने की योजना है। इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में 21 हजार छोटे और पांच हजार बड़े सिलिंडर भेजने की तैयारी है। इसके अलावा पांच हजार और बड़े सिलिंडर खरीदे जा रहे हैं। मैदानी क्षेत्रों के अस्पतालों में जहां-जहां आक्सीजन प्लांट लग रहे हैं, वहां से भी सिलिंडर पर्वतीय क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं। मकसद यह है कि पर्वतीय जिलों में आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे।

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मानसून के दौरान जब संपर्क मार्ग बंद होते हैं तो कम से कम चार से पांच दिन का स्टाक अस्पतालों के पास रहे। इसके साथ ही पौड़ी गढ़वाल में श्रीनगर के पास मलेथा में 10 मीट्रिक टन और अल्मोड़ा में 20 मीट्रिक टन के आक्सीजन रिजर्व सेंटर बनाए जा रहे हैं। 10 मीट्रिक टन के सेंटर में 1100 बड़े सिलिंडर भरे जा सकते हैं। आक्सीजन आपूर्ति के लिए बनाए गए नोडल अधिकारी व सचिव परिवहन रणजीत सिन्हा का कहना है कि मानसून को देखते हुए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। यह इसलिए ताकि जरूरत पडऩे पर पर्वतीय क्षेत्रों में आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता रहे।

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