ऑक्सीजन प्लांट की विद्युत लाइन एक हफ्ते में होगी भूमिगत
कोरोना संकट काल में पूरा सिस्टम स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा है। खासकर ऑक्सीजन की डिमांड को देखते हुए उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में सेलाकुई स्थित ऑक्सीजन प्लांट में विद्युत आपूर्ति की समस्या दूर करने को ऊर्जा निगम भी गंभीर है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोना संकट काल में पूरा सिस्टम स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा है। खासकर ऑक्सीजन की डिमांड को देखते हुए उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में सेलाकुई स्थित ऑक्सीजन प्लांट में विद्युत आपूर्ति की समस्या दूर करने को ऊर्जा निगम भी गंभीर हो गया है। यहां ट्रिपिंग से छुटकारा पाने को पांच किमी विद्युत लाइन को भूमिगत किया जा रहा है। ऊर्जा निगम प्रबंधन ने एक सप्ताह के भीतर लाइन को भूमिगत करने के निर्देश कार्मिकों को दिए हैं।
सेलाकुई में लिंडे कंपनी का ऑक्सीजन प्लांट है। जिसके पास में ही एक बूचड़खाना है। ऐसे में यहां चील व अन्य पक्षियों का मजमा लगा रहता है। जिसके चलते अक्सर पक्षी विद्युत लाइन की चपेट में आ जाते हैं और 33 केवी की लाइन में आए दिन ट्रिपिंग के कारण ऑक्सीजन प्लांट की आपूर्ति बाधित हो जाती है। समस्या की गंभीरता को देखते हुए ऊर्जा निगम प्रबंधन ने लाइन को भूमिगत करने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड सरकार सख्त, सोमवार से सीमाएं सील करने की तैयारी; लिए जा सकते हैं कई कड़े फैसले
प्रभारी महाप्रबंधक केबी चौबे ने विद्युत वितरण खंड मोहनपुर के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर प्लांट को जा रही पांच किमी विद्युत लाइन को भूमिगत किया जाए। इसके लिए अधीक्षण अभियंता अमित कुमार, अधिशासी अभियंता सुधीर कुमार, उपखंड अधिकारी मोहम्मद उस्मान को कार्यदायी कार्मिक नियुक्त किया है। जबकि, अधीक्षण अभियंता जसवंत सिंह, अधिशासी अभियंता मयूर देव सिंह, सहायक अभियंता अमित सक्सेना व नीता चौहान को निरीक्षण व सहयोग के लिए नामित किया है।
यह भी पढ़ें- HIGHLIGHTS Uttarakhand COVID 19 Cases News: उत्तराखंड में कोरोना के 8390 मामले, 118 संक्रमितों की हुई मौत
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें