Oxygen flow meter shortage: ऑक्सीजन फ्लो मीटर की किल्लत, प्लस ऑक्सीमीटर हुआ महंगा

कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी पर लौटने का नाम नही ले रही हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने से दून में ऑक्सीजन फ्लो मीटर और प्लस ऑक्सीमीटर की किल्लत अभी तक दूर नहीं हुई है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:25 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:25 AM (IST)
Oxygen flow meter shortage: ऑक्सीजन फ्लो मीटर की किल्लत, प्लस ऑक्सीमीटर हुआ महंगा
ऑक्सीजन फ्लो मीटर की किल्लत, प्लस ऑक्सीमीटर हुआ महंगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पटरी पर लौटने का नाम नही ले रही हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने से दून में ऑक्सीजन फ्लो मीटर और प्लस ऑक्सीमीटर की किल्लत अभी तक दूर नहीं हुई है। इन उपकरणों की किल्लत के चलते इनकी कालाबाजारी की चरम पर है। चार छह मेडिकल स्टोर घूमने के बाद प्लस ऑक्सीमीटर तो मिल रहा है लेकिन ऑक्सीजन फ्लो मीटर बाजार में उपलब्ध नहीं है। हालांकि, 800 से 1000 रुपये तक मिलने वाला प्लस ऑक्सीमीटर होलसेल से ही 1500 रुपये तक मिल रहा है। ऐसे में मेडिकल स्टोर पर यह दो हजार रुपये तक मिल रहा है।

होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष नंदा ने बताया कि बाजार में अभी तक बाजार में प्लस ऑक्सीमीटर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नही है। इसके दाम होलसेल से ही बढ़ गए हैं। होलसेल से यह 1500 रुपये का मिल रहा है। ऐसे में मेडिकल स्टोर के संचालक इसे 1800 तक बेच रहे हैं। बताया कि ऑक्सीजन फ्लो मीटर बाजार में उपलब्ध ही नही है। उन्होंने इसका कारण मैन्युफैक्चरिंग व इसके वितरण की चैन सही नही होना बताया है। मनीष नंदा ने कहा कि दून में ऑक्सीजन फ्लो मीटर की आपूर्ति दिल्ली से होती है, लेकिन अब यह ठप पड़ी हैं। यही कारण है कि इसकी कालाबाजारी भी बढ़ रही है।

ऑक्सीजन फ्लो मीटर इजाद कर दे रहे राहत

बाजार में ऑक्सीजन फ्लो मीटर की भारी किल्लत चल रही है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सेवाभाव के तहत ऑक्सीजन फ्लो मीटर का इजाद कर जरूरतमंदों को उपलब्ध करवा रहे हैं। जिससे जरूरतमंदों को थोड़ी राहत मिल रही है। इसके अलावा दिल्ली और सहारनपुर से ऑक्सीजन फ्लो मीटर मंगवाए जा रहे हैं।

मेडिकल संचालकों को कोरोना वारियर दर्जा देने की मांग

होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष नंदा ने कहा कि कोरोना काल में मेडिकल संचालक बिना अपनी जान की परवाह किए मेडिकल सुविधाएं दे रहे हैं। ऐसे में कई मेडिकल संचालक कोरोना की चपेट में आये हैं। मेडिकल संचालकों को कोरोना वारियर्स का दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

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