Oxygen Crisis: घर पर ऑक्सीजन सिलिंडर स्टॉक करने वाले बढ़ा रहे हैं मुश्किल

Oxygen Crisis बढ़ते संक्रमण के साथ ऑक्सीजन की मांग में भी इजाफा हो रहा लेकिन ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के चलते न जाने कितने मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही। बाजार में ऑक्सीजन सिलिंडर का रोटेशन चलता रहे तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:10 AM (IST)
Oxygen Crisis: घर पर ऑक्सीजन सिलिंडर स्टॉक करने वाले बढ़ा रहे हैं मुश्किल
Oxygen Crisis: घर पर ऑक्सीजन सिलिंडर स्टॉक करने वाले बढ़ा रहे हैं मुश्किल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Oxygen Crisis कोरोना के बढ़ते संक्रमण के साथ ऑक्सीजन की मांग में भी इजाफा हो रहा है, लेकिन ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के चलते न जाने कितने मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही। बाजार में ऑक्सीजन सिलिंडर का रोटेशन चलता रहे तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। पर, लोग बिना कारण ऑक्सीजन सिलिंडर की स्टॉकिंग घर पर कर रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो एक दफा सिलिंडर ले जाने के बाद कई दिन तक लौटा ही नहीं रहे। ऐसे लोग के चलते कई जरूरतमंद लोग को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल रही।

देहरादून शहर में 12 छोटे-बड़े ऑक्सीजन विक्रेता हैं। सभी के पास मिलाकर करीब 2500 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। जिला प्रशासन की नियमित आंकड़ों के अनुसार इनमें से 2000 से लेकर 2100 सिलिंडर अस्पतालों को हर दिन सप्लाई किए जा रहे हैं और 250 से 300 होम आइसोलेशन में रह रहे लोग को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। अंबिका गैसेस के संचालक सुरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी का एक बड़ा कारण घर में ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाने वाले लोग भी हैं। इनमें से कई लोग बिना कारण ही सिलिंडर घरों में रखे बैठें हैं। लोग कई दफा कहने के बाद भी सिलिंडर नहीं लौटा रहे। 

इसके चलते कई बार विषम हालात वाले मरीजों को भी सिलिंडर उपलब्ध नहीं हो पा रहा। बताया कि वर्तमान में सभी एजेंसियों के यही हाल है। बता दें कि केवल आपातकाल स्थिति के लिए लोग ने मुंह माँगी कीमतों पर सिलिंडर स्टॉक कर लिए। अब ये लोग सिलिंडर वापस करने का नाम नहीं ले रहे। हालांकि, इनमें कई ऐसे लोग भी हैं जो होम आइसोलेशन में कोरोना का इलाज करवा रहे हैं या किसी अन्य बीमारी के चलते घर पर ऑक्सीजन रखते हैं। उधर, मुफ्त सिलिंडर बांटकर समाज सेवा कर रहे लोग का भी यही कहना है। देहरादून में विभिन्न संस्थाओं ने अपने संसाधनों पर दो से लेकर 20- 25 सिलिंडर तक जुटाए हैं। जिन्हें जरूरत पड़ने पर मुफ्त में लोग को उपलब्ध करवा रहे हैं। 

जगत बंधु सेवा ट्रस्ट के संस्थापक सुमित प्रजापति ने बताया कि उनकी संस्था के पास 23 सिलिंडर हैं, लेकिन एक बार ले जाने के बाद लोग वापस करने में कई दिन लगा देते हैं। ऐसे में कई दफा आपतकाल में जरूरतमंद को सिलिंडर नहीं मिल पाता। 

मुंहमांगे दाम लेने पर उतारू विक्रेता

ऑक्सीजन सिलिंडर और लिक्विड ऑक्सीजन के विक्रेता इस मुश्किल घड़ी में बेशर्मी से मुनाफा कमाने पर उतारू हैं। मनमानी का आलम यह है कि हर कोई विक्रेता अपनी मुहमांगी कीमत परेशान उपभोक्ताओं से वसूल रहा है। तीन हफ्ते पहले जिस डी टाइप के सिलिंडर के लिए चार से पांच हजार रुपए सिक्योरिटी मनी ली जाती थी आज उसके लिए 20 से तीस हजार रुपए सिक्योरिटी ली जा रही है। 

वहीं, कई निजी अस्पताल तो ऑक्सीजन बेड के लिए 40000 से 50000 रुपए तक कि मांग कर रहे हैं। सिलिंडर की सिक्योरिटी के अलावा गैस के दाम भी तीन गुना तक बढ़ा दिए गए हैं। जो 40 क्यूबिक मीटर का सिलिंडर 300 रुपए में रिफिल होता थावर्तमान में इसके लिए 600 से 800 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। बात करें सिलिंडर के किराए की तो 40 क्यूबिक मीटर के लिए 50 से 100 रुपए प्रतिदिन चुकाने पड़ते थे, उसके लिए वर्तमान में प्रतिदिन 1000 रुपए तक चुकाने पड़ रहे हैं।

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