समाज कल्याण विभाग सहायक निदेशक एनके शर्मा पर तीसरे मुकदमे का आदेश, पढ़‍िए पूरी खबर

समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक एनके शर्मा पर तीसरा मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश ऋषिकेश तहसील क्षेत्र में 0.07 हेक्टेयर (करीब 770 वर्गमीटर) भूमि एनके शर्मा के अपने नाम आवंटित कराने के मामले में दिए गए हैं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 03:01 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 03:01 PM (IST)
समाज कल्याण विभाग सहायक निदेशक एनके शर्मा पर तीसरे मुकदमे का आदेश, पढ़‍िए पूरी खबर
सितंबर माह में शर्मा के खिलाफ विजिलेंस आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज कर चुकी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक एनके शर्मा पर तीसरा मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश ऋषिकेश तहसील क्षेत्र में 0.07 हेक्टेयर (करीब 770 वर्गमीटर) भूमि एनके शर्मा के अपने नाम आवंटित कराने के मामले में दिए गए हैं। इससे पहले बुधवार को जारी आदेश में शासन एनके शर्मा के खिलाफ एससी-एसटी वर्ग की योजनाओं में घपले के आरोप में मुकदमे का आदेश जारी कर चुका है। वहीं, सितंबर माह में शर्मा के खिलाफ विजिलेंस आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज कर चुकी है।

सचिव राजस्व की ओर से जिलाधिकारी देहरादून को भेजे गए पत्र में मई 2021 में पूरी की गई विजिलेंस जांच का हवाला दिया गया है। पत्र के साथ संलग्न विजिलेंस जांच के मुताबिक, एनके शर्मा ने तहसील ऋषिकेश के अधिकारियों से साठ-गांठ कर ग्राम समाज की भूमि को शिर्डी सांई बाबा मनोकामना धाम प्रबंधक डा. माधुरी शर्मा के नाम आवंटित कराई। वर्ष 2015 में माधुरी शर्मा की मृत्यु के बाद संबंधित भूमि को शर्मा ने अपने नाम करा लिया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन भूमि प्रबंधन समिति (एलएमसी) के प्रस्ताव को राजस्व अधिकारियों ने गलत ढंग से आवंटित किया। यह भूमि अनुसूचित जाति (एससी)/जनजाति (एसटी), ग्रामीण कारीगरों/कृषकों को आवंटित करने का प्रविधान था।

भूमि आवंटन प्रक्रिया से पहले सहायक कलेक्टर की स्वीकृति भी नहीं ली गई। विजिलेंस टीम ने पाया कि भूमि पर किए गए निर्माण का प्रयोग एनके शर्मा ने निजी हित में किया। लिहाजा, प्रकरण में सुंसगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति कर दी गई। वहीं, जिलाधिकारी देहरादून डा. आर राजेश कुमार का कहना है कि शासन का पत्र अभी उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र प्राप्ति के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

2016 में जांच के आदेश, 2021 में सौंपी रिपोर्ट

इस मामले में विजिलेंस (सतर्कता अधिष्ठान) की हीलाहवाली भी उजागर होती है। क्योंकि प्रकरण में खुली जांच के आदेश वर्ष 2016 में किए गए थे। मई 2021 में भी यह जांच हाई कोर्ट में एक याचिका दायर किए जाने के क्रम में पूरी की गई। उधर, सितंबर माह में दर्ज किए गए मुकदमे में भी विजिलेंस अभी तक गिरफ्तारी का प्रयास करती नहीं दिखी। इस बीच एनके शर्मा गिरफ्तारी से स्टे के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं। दो बार की सुनवाई में उन्हें कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। हालांकि, सुनवाई अभी गतिमान है।

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एसडीएम, तहसीलदार समेत कई राजस्व कार्मिक भी कार्रवाई की जद में

विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार समेत लेखपाल, कानूनगो की भूमिका को भी संदेह के घेरे में रखा है। रिपोर्ट में भूमि आवंटन प्रक्रिया में शामिल इन सभी अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की गई है।

तालाब की भूमि पर भी किया अतिक्रमण

सहायक निदेशक एनके शर्मा पर ऋषिकेश तहसील क्षेत्र के बड़कोट में तालाब के नाम दर्ज करीब साढ़े तीन बीघा सरकारी भूमि पर भी अतिक्रमण करने का आरोप है। इस मामले में भी शर्मा के खिलाफ विधिक कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

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