कैबिनेट फैसले के पांच माह बाद नए ढांचे का आदेश, पढ़िए पूरी खबर
आखिरकार समग्र शिक्षा अभियान का 1959 पदों का नया ढांचा अस्तित्व में आ गया। इस ढांचे के लिए शिक्षा विभाग को दो साल इंतजार करना पड़ा। वहीं मंत्रिमंडल के फैसले को अमलीजामा पहनाने में करीब साढ़े पांच महीने का वक्त लगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। आखिरकार समग्र शिक्षा अभियान का 1959 पदों का नया ढांचा अस्तित्व में आ गया। इस ढांचे के लिए शिक्षा विभाग को दो साल इंतजार करना पड़ा। वहीं मंत्रिमंडल के फैसले को अमलीजामा पहनाने में करीब साढ़े पांच महीने का वक्त लगा। ढांचे में शामिल ब्लॉक रिसोर्स परसन (बीआरपी) के 285 व क्लस्टर रिसोर्स परसन (सीआरपी) के 670 पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा।
718 पदों की हुई कटौती
सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को एकीकृत कर कक्षा एक से 12वीं तक के लिए बना समग्र शिक्षा अभियान प्रदेश में दो साल पहले वर्ष 2018-19 में अस्तित्व में आ चुका है। इसके ढांचे को बीती 21 मई को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। लंबे इंतजार के बाद शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने गुरुवार को इस ढांचे का आदेश जारी किया। इससे पहले सर्व शिक्षा अभियान में 2380 और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में 297 पद सृजित किए गए थे। दोनों को मिलाकर कुल 2677 पदों में 718 पदों की कटौती की गई है।
ब्लॉक स्तर पर 1650 पद
नए ढांचे में राज्य स्तर पर कुल 75, जिला स्तर पर 234 और ब्लॉक स्तर पर 1650 पद रखे गए हैं। राज्य स्तर पर शीर्ष पद राज्य परियोजना निदेशक का पदेन जिम्मा शिक्षा महानिदेशक के पास होगा। अपर राज्य परियोजना निदेशक, वित्त नियंत्रक, संयुक्त निदेशक के एक-एक पद, उप राज्य परियोजना निदेशक के आठ पद विभागीय प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे। टेक्निकल एक्सपर्ट व कंप्यूटर प्रोग्रामर का एक-एक पद आउटसोर्सिंग से भरा जाएगा। वहीं प्रशासनिक सह स्टाफ ऑफिसर, वित्त अधिकारी, सहायक लेखा अधिकारी के दो पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे। इसीतरह जिला स्तर पर 13 जिला परियोजना अधिकारी पदेन मुख्य शिक्षाधिकारी व 26 अपर जिला परियोजना अधिकारी पदेन जिला शिक्षाधिकारी होंगे।
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ब्लॉक स्तर पर 95 खंड परियोजना अधिकारी पदेन खंड शिक्षाधिकारी होंगे। बीआरपी व सीआरपी के कुल 955 पद प्रतिनियुक्ति से रखे जाएंगे। इन पदों को आउटसोर्सिंग से भरने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को वित्त ने मंजूरी नहीं दी थी। रिसोर्स पर्सन के 47 पद आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे। केंद्रपोषित समग्र शिक्षा अभियान योजना में केंद्र की हिस्सेदारी 90 फीसद और राज्य की हिस्सेदारी 10 फीसद है।