उत्तराखंड में ऑनलाइन पढ़ाई में पिछड़े, अब वर्कशीट के जरिए ऑफलाइन पढ़ेंगे छात्र

दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के ज्यादातर छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा नहीं मिला। उनके लिए अब वर्कशीट के जरिये ऑफलाइन पढ़ाई के हथियार को व्यापक रूप से आजमाने की तैयारी है।

By Edited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 07:00 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 01:05 PM (IST)
उत्तराखंड में ऑनलाइन पढ़ाई में पिछड़े, अब वर्कशीट के जरिए ऑफलाइन पढ़ेंगे छात्र
उत्तराखंड में ऑनलाइन पढ़ाई में पिछड़े, अब वर्कशीट के जरिए ऑफलाइन पढ़ेंगे छात्र

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना से मिले दर्द की अब कारगर दवा शिक्षा महकमा खोज रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ सरकारी स्कूलों के 40 फीसद छात्रों तक ही पहुंचा। दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों के ज्यादातर छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई का फायदा नहीं मिला। उनके लिए अब वर्कशीट के जरिये ऑफलाइन पढ़ाई के हथियार को व्यापक रूप से आजमाने की तैयारी है।

कोरोना महामारी के पांव पसारने के भय से तीन महीने से शिक्षण संस्थाएं बंद हैं। चौथे महीने जुलाई में भी ये बंद ही रहने वाली हैं। इस बीच आनन-फानन ऑनलाइन पढ़ाई के विकल्प को आजमाया गया। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के इस विकल्प ने नई राह तो सुझाई, लेकिन आशातीत परिणाम नहीं दिए हैं। ऑनलाइन पढ़ाई की पहुंच मैदानी और सुगम क्षेत्रों तक काफी हद तक बनी। पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्ट फोन और लैपटॉप जैसी सुविधाओं से ज्यादातर स्कूल और छात्र वंचित हैं। एससीईआरटी की ओर से प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बारे में किए गए आकलन में यह सामने आया है कि नवीं कक्षा से 12वीं के मैदानी क्षेत्रों के छात्र-छात्रओं को ही ऑनलाइन पढ़ाई की कवायद का कुछ हद तक लाभ मिला है। 
कक्षा एक से आठवीं तक यानी बुनियादी शिक्षा की तस्वीर उलट है। गरीब और निम्न आयवर्ग के ज्यादातर बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए ऑनलाइन की जगह वर्कशीट से तैयारी कराने की कार्ययोजना पर एससीइआरटी तैयारी कर रहा है। बुनियादी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा की बुनियाद कमजोर न पड़े, इसे ध्यान में रखकर कक्षा एक से आठवीं के लिए शैक्षिक कैलेंडर बनाया गया है।
अकादमिक शोध और प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी ने कहा कि इस कैलेंडर के मुताबिक पढ़ाई की व्यवस्था आगे बनाई जा रही है। साथ ही सभी जिलों में डायट और मुख्य शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर ऑनलाइन के साथ पढ़ाई के वैकल्पिक बंदोबस्त को लेकर फीडबैक लिया गया है। 20 जुलाई को प्रदेश के सभी खंड शिक्षाधिकारियों की बैठक के बाद कोरोना काल में पढ़ाई की आगे की तैयारी की विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी।
दूरदर्शन पर 10 जुलाई से फिर शुरू होंगी कक्षाएं
दूरदर्शन पर नवीं, दसवीं और 12वीं की कक्षाओं के लिए दूरदर्शन पर दोबारा से कक्षाएं 10 जुलाई से प्रारंभ होंगी। शिक्षा सचिव ने बताया कि इसके लिए दोबारा अनुबंध पत्र पर शिक्षा महकमे और दूरदर्शन के बीच हस्ताक्षर हो चुके हैं। ये कक्षाएं बीते माह 15 जून से बंद हैं।
वर्कशीट के अच्छे नतीजे
ऊधमसिंहनगर जिले के काशीपुर में वर्कशीट को लेकर पायलट प्रोजेक्ट को कामयाबी मिलने से महकमे का हौसला बढ़ा है। क्षेत्र के विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र-छात्रओं को स्कूली पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार वर्कशीट दी गई। इसमें पढ़ाई की सामग्री के साथ ही प्रश्नावली को शामिल किया गया। वर्कशीट देते वक्त शिक्षकों ने विद्यार्थियों को टिप्स भी दिए। वर्कशीट लौटाने के दौरान शिक्षकों ने छात्रों से प्रश्न पूछे। जवाब संतोषजनक मिले। इसका अच्छा असर देखा गया। इसे बड़े स्तर पर आजमाया जाएगा।
परीक्षा से वंचित रहे छात्रों को सीबीएसई की तर्ज पर अंक
कंटेनमेंट जोन की वजह से उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा से वंचित परीक्षार्थियों को सीबीएसई की तर्ज पर प्रोन्नत अंक दिए जाएंगे। दोबारा परीक्षा देने के इच्छुक परीक्षार्थियों को परीक्षा का मौका भी दिया जाएगा।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की वजह से तीन हजार से ज्यादा परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे सके। ऐसे परीक्षार्थियों को सीबीएसई की तर्ज पर उनकी अन्य परीक्षाओं के अंकों के औसत के आधार पर प्रोन्नत अंक दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अंकों के संबंध में उत्तराखंड बोर्ड ने फॉर्मूला  शासन को सौंप दिया है। इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। कहा कि उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के कार्य को 10 जुलाई तक समाप्त करने को कहा गया है। मूल्यांकन खत्म होने के बाद परीक्षाफल बनाने का कार्य तेज हो सकेगा।
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