तीर्थनगरी में जरूरतमंदों की भूख मिटाने के लिए वन लाख मील्स मुहिम शुरू

कोरोना महामारी के इस दौर में कई सामाजिक संस्थाएं व कार्यकर्त्‍ता बखूबी अपना फर्ज निभा रहे हैं। ऋषिकेश के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोविड कर्फ्यू के चलते भोजन के लिए तरस रहे साधू भि‍क्षुकों व गरीब तबके के नागरिकों व जरूरतमंदों के लिए मोबाइल भोजन वितरण सेवा शुरू की है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 03:52 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 03:52 PM (IST)
तीर्थनगरी में जरूरतमंदों की भूख मिटाने के लिए वन लाख मील्स मुहिम शुरू
ऋषिकेश के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोविड कर्फ्यू के चलते जरूरतमंदों के लिए मोबाइल भोजन वितरण सेवा शुरू की है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: कोरोना महामारी के यहां दौर में कई सामाजिक संस्थाएं व कार्यकर्ता बखूबी अपना फर्ज निभा रहे हैं। ऋषिकेश के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोविड कर्फ्यू के चलते भोजन के लिए तरस रहे साधू, भिक्षुकों व गरीब तबके के नागरिकों व जरूरतमंदों के लिए मोबाइल भोजन वितरण सेवा शुरू की है। इस 'वन लाख मील्स'' सेवा को ऋषिकेश, मुनिकीरेती व हरिद्वार क्षेत्र तक विस्तार दिया गया है। इस मुहिम में एक लाख जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू जारी है। तीर्थनगरी में इस तालाबंदी की मार सबसे ज्यादा उन लोगों पर पड़ी है, जिन्हें रोज काम पर निकलने के बाद ही पेट भरने के लिए पैसे मिलते थे। यानी दियाड़ी मजदूर और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले व्यक्तियों व परिवारों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। ऐसे में शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाएं व समाजसेवी आगे आए हैं। कोरोना के इस संकट से निपटने के लिए विभिन्न संगठनों से जुड़े समाजसेवी डॉ. राजे सिंह नेगी व समाजसेवी राधे साहनी ने अपने साथियों सामाजिक कार्यकर्ता संजय बहुगुणा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष संदीप शर्मा, समाजसेवी राकेश सिंह बिष्ट, महावीर पंवार, सन्नी प्रजापति, प्रवीन असवाल के साथ इस मुश्किल घड़ी में मोबाइल सेवा के जरिए जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरण करना शुरू कर दिया है। 

हरकी पैड़ी हरिद्वार से हरिपुर कलां, ऋषिकेश से लेकर तपोवन तक सैकड़ों जरूरतमंदों सहित साधू, भक्षुकों के भोजन का प्रबंध इनकी ओर से किया जा रहा है। इसके साथ ही समय समय पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को भी जूस वितरण भी किया जा रहा है। मोबाइल भोजन वितरण सेवा की जानकारी देते हुए डॉ. नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू लगातार आगे बढ़ाए जाने के बाद उन्होंने अपने मित्रों संग ऐसे लोगों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है, जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है।  

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खास तौर से उस वर्ग के लिए यह मुहिम शुरू की गई है, जिनके सामने वैश्विक महामारी में पेट भरने का संकट आ गया है, जो रोज दियाड़ी मजदूरी करते हैं। रिक्शा-ठेला चालक, चाय-पान के छोटे दुकानदार, फेरी करने, फुटपाथ और रेहड़ी पर दुकान लगाने वाले हजारों परिवारों के समक्ष आमदनी का कोई जरिया न होने से उनके घर में चूल्हा जल पाना मुश्किल हो गया है। डॉ. राजे नेगी के अनुसार एक लाख गरीबों एवं जरूरतमंदों के भोजन की व्यवस्था के लक्ष्य को लेकर यह मुहिम 'वन लाख मील्स' शुरू की गई है, जो लॉकडाउन तक निरंतर जारी रहेगी।  

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