उत्‍तराखंड में लागू हुई एक जनपद दो उत्पाद योजना, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया कदम

उत्‍तराखंड में एक जनपद दो उत्पाद प्रदेश में लागू हो गई है। योजना के क्रियान्वयन को हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में समिति का भी गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों की पहचान के अनुरूप उनका विकास करना है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:49 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:49 PM (IST)
उत्‍तराखंड में लागू हुई एक जनपद दो उत्पाद योजना, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया कदम
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में एक जनपद दो उत्पाद (ओडीटीपी) प्रदेश में लागू हो गई है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में एक जनपद दो उत्पाद (ओडीटीपी) प्रदेश में लागू हो गई है। शासन ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है। इसके तहत बाजार में मांग के अनुरूप कौशल विकास, डिजाइन विकास व कच्चे माल के जरिये नई तकनीक के आधार पर प्रदेश जिले में दो उत्पादों का विकास किया जाएगा। योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का भी गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस योजना को लागू करने का उद्देश्य उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों की पहचान के अनुरूप उनका विकास करना है।

सोमवार को योजना का शासनादेश जारी होने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे स्थानीय काश्तकार व शिल्पकारों को अधिक स्वरोजगार के अवसर मिलेंगी वहीं दूसरी और हर जिले में स्थानीय उत्पाद को विश्वस्तरीय पहचान मिलेगी।

सचिव उद्योग अमित नेगी द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अल्मोड़ा में ट्वीड एवं बाल मिठाई, बागेश्वर में ताम्र शिल्प और मंडुवा बिस्किट, चंपावत में लौह शिल्प व हाथ से बुने उत्पाद, चमोली में हथकरघा एवं हस्तशिल्प और एरोमेटिक हर्बल उत्पाद, देहरादून में बेकरी उत्पाद व मशरूम, हरिद्वार में गुड़ व शहद, नैनीताल में एप्पण व कैंडल क्राफ्ट, पिथौरागढ़ में ऊनी कारपेट व मुंस्यारी राजमा, पौड़ी में हर्बल उत्पाद व लकड़ी के फर्नीचर, रुद्रप्रयाग में मंदिर अनुकृति शिल्प व प्रसाद उत्पाद, टिहरी में नेचुरल फाइबर प्रोडक्ट व टिहरी नथ, ऊधमसिंह नगर में मेंथा आयल और मूंज ग्रास उत्पाद और उत्तरकाशी में ऊनी हस्तशिल्प और सेब से संबंधित उत्पादों का चयन किया गया है।

योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रोत्साहन सहायता भी दी जाएगी। इस योजना के लिए उद्योग निदेशालय को नोडल विभाग बनाया गया है। जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय टास्क फोर्स समय-समय पर योजना की समीक्षा करेंगे।

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