दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मुफ्त मिले बिजली और पानी

कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि जब दिल्ली सरकार उत्तराखंड का पानी दिल्ली की जनता को फ्री दे सकती है तो उत्तराखंड सरकार को भी मुफ्त पानी व बिजली देनी चाहिए।

By Edited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 08:42 PM (IST)
दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मुफ्त मिले बिजली और पानी
दिल्ली की तर्ज पर उत्तराखंड में भी मुफ्त मिले बिजली और पानी

देहरादून, जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस दो नवंबर से वनाधिकार आंदोलन चलाएगी। इसके तहत पदयात्रा की शुरुआत वे खुद इंद्रमणि बडोनी के गांव से करेंगे। उन्होंने विकासनगर के एक कैफे हाउस में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि जब दिल्ली की सरकार उत्तराखंड का पानी दिल्ली की जनता को फ्री दे सकती है तो उत्तराखंड सरकार को भी जनता को निश्शुल्क पानी की आपूर्ति करनी चाहिए। साथ ही ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड की जनता को बिजली भी फ्री में दी जानी चाहिए। 

कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि वनाधिकार आंदोलन में जनहित को कई बिंदू शामिल किए गए हैं। उत्तराखंड को वनवासी प्रदेश घोषित कर उत्तराखंडियों को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिया जाए। कहा कि हमारे सारे ईंधन के कार्य जंगल से ही पूरे होते थे। इसलिए एक गैस सिलेंडर हर महीने निश्शुल्क जनता को मिलना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि अपना घर बनाने के लिए जनता को निश्शुल्क पत्थर, बजरी, लकड़ी आदि मिलना चाहिए। दिल्ली की तरह 200 यूनिट बिजली भी जनता को निश्शुल्क मिलनी चाहिए। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि युवाओं के रोजगार के लिए उत्तराखंड में उगने वाली जड़ी-बूटियों के दोहन का अधिकार स्थानीय समुदाय को दिया जाए। 

कहा कि यदि कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति को मार देता है तो सरकार को 25 लाख रुपये का मुआवजा आश्रित को व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी देनी चाहिए। यदि घायल करता है पूरा खर्च सरकार को उठाना चाहिए। 

किसानों को मिले क्षतिपूर्ति भुगतान

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता किशोर उपाध्याय ने कहा कि जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान पर सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से 1500 रुपये प्रति नाली के हिसाब से क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए। कहा कि वन अधिकार अधिनियम-2006 को उत्तराखंड में लागू किया जाए और उत्तराखंड को प्रति वर्ष 10 हजार करोड़ ग्रीन बोनस दिया जाए। 

उन्होंने कहा कि वनाधिकार आंदोलन से परंपरागत बीजों, लोक देवताओं, लोक शिल्प, लोक संस्कृति, परंपरागत फसलों, पशुओं, वन्य प्राणियों व वनस्पतियों को बचाने का कार्य किया जाएगा। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आज उत्तराखंड के युवा नशे की गर्त में जा रहे हैं, जो बड़ा चिंता का विषय है।

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नशामुक्त उत्तराखंड बनाने को भी कांग्रेस इस आंदोलन के माध्यम से जागरूकता पैदा करेगी। पहाड़ी राज्य होने के कारण राज्य में अविलंब चकबंदी कराई जानी चाहिए। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रदेश महामंत्री संजय जैन, कितेश जायसवाल, हर्षुल शर्मा, सुबोध वर्मा, सुंदर सिंह, कुसुम कौशल, जिला महामंत्री अंकुर वर्मा, साहिल पठान आदि शामिल रहे।

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