ठाणा-टुंगरा में हाथी नाच के साथ बूढ़ी दिवाली संपन्न

संवाद सूत्र चकराता/त्यूणी जौनसार में पिछले पांच दिनों से चल रहे बूढ़ी दिवाली का जश्न मंगलवार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:58 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:58 PM (IST)
ठाणा-टुंगरा में हाथी नाच के साथ बूढ़ी दिवाली संपन्न
ठाणा-टुंगरा में हाथी नाच के साथ बूढ़ी दिवाली संपन्न

संवाद सूत्र, चकराता/त्यूणी: जौनसार में पिछले पांच दिनों से चल रहे बूढ़ी दिवाली का जश्न मंगलवार शाम को हाथी नाच के साथ संपन्न हो गया। चकराता के पास ठाणा-टुंगरा गांव में काठ से बने हाथी को पंचायती आंगन में नचाया गया। हाथी नाच के साथ ग्रामीणों ने जंदोई मेले पर सामूहिक रूप से तांदी नृत्य की प्रस्तुति से समा बांधा।

जनजाति क्षेत्र जौनसार के कई गांवों में देशवासियों के दीपावली पर्व मनाने के ठीक एक माह बाद परंपरागत अंदाज में पहाड़ी बूढ़ी दिवाली मनाने का रिवाज है। जौनसार के चकराता व कालसी प्रखंड से जुड़े बीस खतों के दो सौ से अधिक गांवों में पिछले पांच दिन से चल रहा बूढ़ी दिवाली का जश्न मंगलवार को हाथी नाच व लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ संपन्न हो गया। इसके अलावा क्षेत्र के बमटाड़ खत, विशायल, बाना, कोरु, तपलाड़, उपलगांव, क्वानू-मंझगांव, पंजगांव, दसेऊ, बहलाड़, पशगांव, लखवाड़, बोंदूर, सिली-गोथान, शिलगांव समेत अन्य खतों से जुड़े कई गांवों में जंदोई मेला परंपरागत तरीके से मनाया गया। जौनसार के ठाणा-टुंगरा की बूढ़ी दिवाली सबसे खास मानी जाती है। यहां बूढ़ी दिवाली पर जंदोई मेले का जश्न मनाने बड़ी संख्या में लोग जुटे। परंपरागत पोशाक पहने स्थानीय महिलाओं व ग्रामीणों ने पंचायती आंगन में सामूहिक रूप से तांदी नृत्य की शानदार प्रस्तुति से समा बांधा। लोक परंपरा के अनुसार ठाणा व टुंगरा के ग्रामीणों ने जंदोई मेले पर काठ से बने हाथी की सजावट विशेष रूप से की। हाथी के फेरा लगाने के बाद क्षेत्र में जंदोई मेला संपन्न हो गया। इस मौके पर विख्यात रंगकर्मी नंदलाल भारती, वीरेंद्र रावत, पप्पू राणा, दलीप सिंह रावत, गुड्डू रावत, सुरेंद्र सिंह, सिकंदर रावत, प्रभू भारती, शमशेर सिंह आदि मौजूद रहे।

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