उत्तराखंड: आपदा राहत और निर्माण कार्यों में लापरवाही पर नपेंगे अफसर, फोन नहीं रखेंगे बंद नहीं
आपदा राहत और निर्माण कार्यों में लापरवाही पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर शाम अपने आवास पर आपदा राहत कोविड वैक्सीनेशन डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के उपायों की समीक्षा बैठक में यह बात कही।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा राहत और निर्माण कार्यों में लापरवाही पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर शाम अपने आवास पर आपदा राहत, कोविड वैक्सीनेशन, डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के उपायों की समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को आपदा राहत कार्यों मे तेजी लाने और बंद सड़कें खोलने को युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा में भवनों, पुस्तों व खेतों को पहुंचे नुकसान का आकलन कर इसका ब्योरा शीघ्र भेजने को भी कहा, ताकि आपदा मानकों में इसके लिए अतिरिक्त राशि की व्यवस्था के प्रयास किए जा सकें। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि शिकायतों व अफवाहों का उत्तर बेहतर कार्यप्रणाली से दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि बंद सड़कों को खोलने के लिए आवश्यक उपकरणों और मानव संसाधन की व्यवस्था करते हुए दिन-रात कार्य किया जाए। उन्होंने गौला नदी के पुल की मरम्मत का कार्य 10 दिन में पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए जो भी आवश्यक व्यवस्था की जानी है, वह की जाए। उन्होंने कार्यों में तेजी लाने के लिए जनसुविधाओं के साथ व्यवहारिकता पर ध्यान देने पर भी जोर दिया। उन्होंने सड़कों की मरम्मत के साथ ही पानी, बिजली, खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही ओवर रेटिंग पर प्रभावी नियंत्रण पर ध्यान देने को भी कहा।
फोन बंद नहीं रखेंगे अधिकारी
मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि अधिकारी अपने फोन किसी भी दशा में बंद नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा राहत और निर्माण कार्यों में कोताही पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। वैक्सीनेशन की दूसरी डोज को चलाएं व्यापक अभियानमुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि कोविड वैक्सीनेशन की शत-प्रतिशत दूसरी डोज सभी को शीघ्रता से लग जाए, इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाए। साथ ही चेताया कि कोविड अभी गया नहीं है, सभी को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।
साफ-सफाई पर हो खास फोकस
डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के उपायों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ-सफाई, दवा का छिड़काव, फागिंग, स्वच्छ पेयजल की प्रभावी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसमें सभी नगर व ग्रामीण निकायों का सक्रिय सहयोग लिया जाए। जनजागरूकता के लिए सभी प्रचार माध्यमों का उपयोग करने के साथ ही ग्राम प्रधानों के मोबाइल पर मैसेज भेजने की व्यवस्था भी बनाई जाए। उन्होंने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था क लिए टीमों का गठन कर नोडल अधिकारी नामित करने और राज्य स्तर पर अनुश्रवण के लिए नोडल अधिकारी नामित करने को कहा।
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बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव अमित नेगी, डा पंकज कुमार पांडेय, विनोद कुमार सुमन, स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा मौजूद थे, जबकि दोनों मंडलों के मंडलायुक्त और जिलाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े।
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