Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार कुंभ में आने वालों की अधिकतम सीमा होगी तय

केंद्र सरकार ने हरिद्वार कुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने और इससे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार को कुंभ में प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने को कहा है। केंद्र ने कुंभ की अवधि कम करने का सुझाव भी दिया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 09:24 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 09:35 PM (IST)
Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार कुंभ में आने वालों की अधिकतम सीमा होगी तय
हरिद्वार कुंभ में आने वालों की अधिकतम सीमा होगी तय। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। केंद्र सरकार ने हरिद्वार कुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने और इससे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार को कुंभ में प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने को कहा है। केंद्र ने कुंभ की अवधि कम करने का सुझाव भी दिया है। इसके अलावा केंद्र ने कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के रहने के लिए बनाए गए हॉल, टेंट आदि में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के रुकने से संक्रमण बढ़ने की आशंका भी जताई है।

हरिद्वार में 27 फरवरी से कुंभ मेले की शुरुआत हो रही है। यह मेला 30 अप्रैल तक चलेगा। कुंभ के दौरान सामान्य दिनों में एक लाख और स्नान पर्वों पर पांच लाख तक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी हुई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने बीते रोज कुंभ को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। अब इसमें कुछ और बिंदुओं को जोड़ा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस संबंध में मुख्य सचिव ओमप्रकाश को एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि एक साथ बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने से कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है। इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा घाटों, संक्रमण पर निगरानी और नियमों का अनुपालन करने वाले कार्मिकों की संख्या के हिसाब से प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम सीमा निर्धारित की जाए। 

पत्र में यह भी कहा गया है कि यह देखने में आया है कि बंद जगह, यानी टैंट, हॉल व अस्थायी आवास इत्यादि में बड़ी संख्या में लोगों के ठहरने से महामारी फैलने का भी खतरा रहता है। कुंभ मेले में उम्रदराज लोग अधिक होते हैं, जो संक्रमण के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसे देखते हुए अमरनाथ यात्रा, कांवड़ यात्रा और जगन्नाथ रथ यात्रा आदि कार्यक्रमों में कटौती की गई है। उत्तराखंड सरकार भी इन आयोजनों की तरह ही कुंभ मेले की समय सीमा में कटौती कर सकती है। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश सरकार का ध्यान सुप्रीम कोर्ट के 18 दिसंबर के आदेशों की ओर भी आकृष्ट किया है, जिसमें उपरोक्त बिंदुओं पर कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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