अब नई सरकार ही कराएगी राष्ट्रीय खेल, पढ़िए पूरी खबर
प्रदेश में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अब नई सरकार ही कराएगी। कारण यह कि प्रदेश सरकार को अभी तक राष्ट्रीय खेलों के लिए बजट नहीं मिल पाया है। खेलों के आयोजन को अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी नहीं हुआ है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अब नई सरकार ही कराएगी। कारण यह कि प्रदेश सरकार को अभी तक राष्ट्रीय खेलों के लिए बजट नहीं मिल पाया है। खेलों के आयोजन को अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी नहीं हुआ है। कोरोना के कारण खेल गतिविधियां पूरी तरह शुरू नहीं हुई हैं। दिसंबर या जनवरी में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने की संभावना है। ऐसे में जाहिर तौर पर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में तो खेल होते नहीं नजर आ रहे हैं।
उत्तरखंड में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का इंतजार वर्ष 2014 से चल रहा है। उस समय सरकार ने इन खेलों के आयोजन को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी थी। विभिन्न कारणों से यह समय सीमा बढ़ती गई। 2016 में तो तत्कालीन सरकार ने बजट में भी इसके लिए व्यवस्था की थी मगर खेलों का आयोजन नहीं हो पाया। वर्ष 2019 में भारतीय ओलिंपिक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के संबंध में उत्तराखंड आया। इससे इन खेलों के आयोजन को लेकर संभावनाएं जगी। प्रदेश सरकार ने खेलों के लिए देहरादून व हल्द्वानी में खेल गांव बनाने की बात कही। वाटर स्पोट्र्स के लिए टिहरी का चयन किया गया।
देहरादून, हरिद्वार व पिथौारगढ़ में खेलों के लिए बहुद्देशीय हाल बनाने की कवायद भी शुरू की गई। इसके लिए केंद्र सरकार से 150 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया। सरकार ने उस समय केंद्र के सामने बात रखी कि बजट मिलने पर 2021 में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन सफलता पूर्वक करा लिया जाएगा।
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इस बीच बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खटाई में पड़ गई। सितंबर 2020 के बाद स्थिति सुधरी तो सरकार ने एक बार फिर केंद्र से 2021 में खेलों के आयोजन को बजट की मांग की, हालांकि केंद्र ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इस वर्ष सरकार ने एक बार फिर तैयारियां शुरू की तो संक्रमण की दूसरी लहर आ गई। अब स्थिति थोड़ा सुधर रही है तो तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। संक्रमण के मद्देनजर अभी खेल गतिविधियां पूरी तरह से नहीं खोली गई हैं। ऐसे में इस वर्ष राष्ट्रीय खेलों का आयोजन संभव नहीं है।
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