अब पीपीपी मोड में चलेगा कैंट बोर्ड का गेस्ट हाउस Dehradun News

कैंट बोर्ड के गढ़ी कैंट स्थित गेस्ट हाउस का संचालन अब पीपीपी मोड पर किया जाएगा। जिसके लिए बोर्ड ने प्राइवेट पार्टनर की तलाश शुरू कर दी है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 05:04 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 05:04 PM (IST)
अब पीपीपी मोड में चलेगा कैंट बोर्ड का गेस्ट हाउस Dehradun News
अब पीपीपी मोड में चलेगा कैंट बोर्ड का गेस्ट हाउस Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। छावनी परिषद देहरादून ने अपनी आमदनी बढ़ाने के नए जरिये तलाशने शुरू कर दिए हैं। कैंट बोर्ड के गढ़ी कैंट स्थित गेस्ट हाउस का संचालन अब पीपीपी मोड पर किया जाएगा। जिसके लिए बोर्ड ने प्राइवेट पार्टनर की तलाश शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि यह एक ऐसा साधन है जो बोर्ड की आय बढ़ाने में सहायक हो सकता है। 

दरअसल, छावनी परिषद देहरादून का गढ़ी कैंट में ही गंगोत्री गेस्ट हाउस है। जिसमें चार कमरे हैं। इनमें दो एग्जीक्यूटिव व दो वीआइपी रूम शामिल हैं। इस गेस्ट हाउस में कैंट के ही अधिकारी-कर्मचारी रुकते हैं। पर वह भी कभी कभार। ज्यादातर वक्त यह गेस्ट हाउस खाली ही पड़ा रहता है। लेकिन इसके रखरखाव व कर्मचारियों के वेतन आदि पर सालाना दस लाख से ऊपर खर्च होते हैं।

ऐसे में कैंट बोर्ड इस गेस्ट हाउस में कमाई का जरिया तलाश रहा है। जिसके लिए प्राइवेट पार्टनर की तलाश की जा रही है। पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद इस गेस्ट हाउस में न केवल कैंट के अधिकारी-कर्मचारी बल्कि बाहर के लोग भी रुक सकेंगे। यह अलग बात है कि उन्हें कैंट बोर्ड के कर्मियों से अधिक किराया देना होगा। वरियता कैंट कर्मियों को ही दी जाएगी।

अधिकारियों का मानना है कि इस व्यवस्था के तहत संचालन होने से गेस्ट हाउस अधिकांश वक्त भरा रहेगा। इसके रंग रोगन आदि का खर्च कैंट बोर्ड वहन करेगा। बाकि खर्चे प्राइवेट पार्टनर को खुद वहन करने पड़ेंगे। मुख्य अधिशासी अधिकारी तनु जैन के अनुसार इससे न केवल चीजें व्यवस्थित हो जाएंगी बल्कि कैंट बोर्ड की आमदनी भी बढ़ेगी। गेस्ट हाउस नियमित चलेगा तो उसी अनुरूप इसका रखरखाव भी बेहतर ढंग से होगा। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड सरकार देने जा रही दिव्यांगजनों को तोहफा, भूमि आवंटन में पांच फीसद कोटा

टैक्स बढ़ोत्तरी की भी तैयारी में बोर्ड

कैंट बोर्ड विगत कई वर्षो से बजट की तंगी से जूझ रहा है। जिसका असर विकास कार्यो पर भी पड़ रहा है। ऐसे में बोर्ड अब टैक्स में बढ़ोत्तरी की तैयारी में है। जिसका प्रस्ताव शुक्रवार को होने वाली बोर्ड बैठक में लाया जाएगा। हालांकि कैंट बोर्ड के चुनाव नजदीक हैं और निर्वाचित सभासदों को फिर जनता के बीच जाना होगा। ऐसे में इसे लेकर हंगामे के आसार बन रहे हैं। बता दें, छावनी परिषद देहरादून के अधीन गढ़ी-डाकरा व प्रेमनगर का एक बड़ा क्षेत्र आता है। जहां ज्यादातर विकास कार्य ग्रांट इन एड पर निर्भर हैं, पर इसमें लगातार कटौती होती रही है। रक्षा मंत्रलय यह स्पष्ट कर चुका है कि बोर्ड स्वयं की आय बढ़ाए। जबकि आय के संसाधन सीमित हैं। आय के नाम पर टैक्स ही एकमात्र जरिया है। इसमें भी पिछले काफी वक्त से बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। 

यह भी पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों में 94 हजार लोगों को आज भी आवास का इंतजार

chat bot
आपका साथी