कर्मकार कल्याण बोर्ड मामले में अब शासन के पाले में गेंद, पढ़‍िए पूरी खबर

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से कोटद्वार में ईएसआइ अस्पताल के लिए 20 करोड़ की राशि बतौर ऋण मुहैया कराने के मामले में बोर्ड की तत्कालीन सचिव समेत चार कार्मिकों ने आरोपपत्र का जवाब शासन को भेज दिया है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 04:30 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 04:30 PM (IST)
कर्मकार कल्याण बोर्ड मामले में अब शासन के पाले में गेंद, पढ़‍िए पूरी खबर
यह प्रकरण सुर्खियां बना तो सरकार ने आइएएस वी षणमुगम को प्रकरण की जांच सौंप दी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से कोटद्वार में ईएसआइ अस्पताल के लिए 20 करोड़ की राशि बतौर ऋण मुहैया कराने के मामले में बोर्ड की तत्कालीन सचिव समेत चार कार्मिकों ने आरोपपत्र का जवाब शासन को भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार चारों ने अपने जवाब में पूर्व में जारी हुए शासनादेश के अनुपालन में ऋण राशि स्वीकृत होने का उल्लेख किया है। प्रकरण में अब गेंद शासन के पाले में है। इस पर निर्णय उसी को लेना है।

कर्मकार कल्याण बोर्ड से पिछले साल कोटद्वार में ईएसआइ अस्पताल के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि बतौर ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया था। बाद में 20 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी कार्यदायी संस्था केंद्र सरकार के उपक्रम ब्रिज एंड रूफ कारपोरेशन को जारी कर दी गई थी। इस बीच तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने कर्मकार कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन करते हुए शमशेर सिंह सत्याल को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। इसके बाद बात सामने आई कि ईएसआइ अस्पताल के लिए धनराशि देने के मामले में नियमों की अनदेखी हुई है।

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यह प्रकरण सुर्खियां बना तो सरकार ने आइएएस वी षणमुगम को प्रकरण की जांच सौंप दी। इस बीच कार्यदायी संस्था ने उसे आवंटित 20 करोड़ की राशि बोर्ड को वापस लौटा दी थी। इसके कुछ समय बाद जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी। रिपोर्ट में पूरे प्रकरण के लिए बोर्ड की तत्कालीन सचिव दमयंती रावत, ईएसआइ के मुख्य चिकित्साधिकारी डा आकाशदीप व चीफ फार्मेसिस्ट बीएन सेमवाल और बोर्ड के वरिष्ठ सहायक नवाब की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया गया। लंबे इंतजार के बाद शासन ने पिछले माह इन सभी को आरोप पत्र जारी किए, जिनका चारों ही 10 दिन पहले जवाब शासन को भेज चुके हैं।

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