अब स्कूलों को वार्षिक परीक्षा में छात्रों को देना होगा ऑनलाइन विकल्प
स्कूलों को वार्षिक परीक्षा में छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा देने का विकल्प देना होगा। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो छात्र विद्यालय में किसी भी कारण से नहीं पहुंच रहे हैं उनके लिए विद्यालय को ऑनलाइन परीक्षा करवानी होगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून : स्कूलों को वार्षिक परीक्षा में छात्रों को ऑनलाइन परीक्षा देने का विकल्प देना होगा। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो छात्र विद्यालय में किसी भी कारण से नहीं पहुंच रहे हैं, उनके लिए विद्यालय को ऑनलाइन परीक्षा करवानी होगी। प्रदेश में वार्षिक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर गफलत की स्थिति पैदा हो गई थी।
शासन एवं शिक्षा विभाग की ओर से पूर्व में जारी आदेश एवं एसओपी में कक्षाओं के संचालन को लेकर विकल्प दिया गया था, लेकिन वार्षिक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी।संयुक्त निदेशक प्राथमिक शिक्षा सुभाष चंद्र भट्ट ने गुरुवार को आदेश जारी कर स्कूलों को वार्षिक परीक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी स्कूल ऑफलाइन परीक्षा कराता है तो इसकी जिम्मेदारी मुख्य शिक्षा अधिकारी और संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य की होगी। दोनों को ही संक्रमण से बचाव के लिए एसओपी का पूरा ध्यान रखना होगा।
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संयुक्त निदेशक ने कहा कि शासन के आदेश के अनुसार, पांचवीं तक के छात्रों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बिना परीक्षा के ही पास कर दिया जाएगा। इसके अलावा गृह परीक्षाओं का आयोजन 22 अप्रैल से 25 मई के बीच होगा। जूनियर हाईस्कूलों में मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा की अवधि में ही करना होगा। गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र स्कूल में ही तैयार करने की छूट दी गई है।
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